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काशी विश्‍वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में पुजारी वेश में तैनात होंगे महिला और पुरुष पुलिसकर्मी, इस वजह से प्रशासन ने लिया यह फैसला

पुलिसकर्मियों को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महत्व काशी के महत्वपूर्ण स्थल घाट आदि के बारे में जानकारी दी जाए जिससे श्रद्धालुओं किसी जिज्ञासा जरूरत पड़ने पर शांत कर सके। तीन दिनों की ट्रेनिंग में ही पुलिस कर्मियों को व्यवहार कुशलता को लेकर भी प्रशिक्षित किया जाए। निर्देश दिए कि सुरक्षाकर्मी संबंधी थाने और अधिकारियों का नंबर अपने मोबाइल में जरूर रखें।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 10 Apr 2024 12:40 PM (IST)
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काशी में विश्‍वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को कोई धक्का नहीं देगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को काशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित सभागार में सुरक्षा गोष्ठी की। ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को सुरक्षा टिप्स देते हुए ‘नो टच पालिसी’ लागू की और कहा कि भीड़ प्रबंधन के नाम पर श्रद्धालुओं को कोई धक्का नहीं देगा।

गर्भगृह में एक महिला-पुरुष पुलिसकर्मी पुजारी वेश में तैनात किए जाएं। उनका काम भगवान के रूप की तरफ इशारा करना होगा, जिससे कोई भी भक्त भोलेनाथ का दर्शन करने से वंचित न रहने पाए। पुलिस आयुक्त शाम में चार बजे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे।

वहां सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुरुष और महिला जवानों से रूबरू हुए। सुरक्षाकर्मियों से उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी की। निर्देश दिए कि प्रत्येक पुलिसकर्मी को ड्यूटी से पूर्व तीन दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जाए।

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पुलिसकर्मियों को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महत्व, काशी के महत्वपूर्ण स्थल, घाट आदि के बारे में जानकारी दी जाए, जिससे श्रद्धालुओं किसी जिज्ञासा जरूरत पड़ने पर शांत कर सके। तीन दिनों की ट्रेनिंग में ही पुलिस कर्मियों को व्यवहार कुशलता को लेकर भी प्रशिक्षित किया जाए।

कहा कि श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराना ही ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों का मुख्य उद्देश्य है, यह बात सभी पुलिस कर्मियों को अच्छे से बताई जाए। गर्भ गृह में तैनात पुजारी वेश में पुलिसकर्मी ही भीड़ नियंत्रण करेंगे, जबकि एक अन्य महिला, पुरुष पुलिस उनकी मदद करेंगे।

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ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय नहीं रहेंगे। वर्दी दुरुस्त रहे, आइकार्ड पहली नजर में दिख जाए। वीवीआइपी के आगमन पर प्रायः पुलिस कर्मी सामान्य श्रद्धालुओं को धक्का मारकर हटाते हैं, जो आगे नहीं होना चाहिए।

गर्भ गृह में भी यथासंभव महिला पुलिस कर्मी अधिक समय लेने वाले श्रद्धालुओं को हटायेंगी। भीड़ नियंत्रण में रस्सों का प्रयोग होगा। निर्देश दिए कि सुरक्षाकर्मी संबंधी थाने और अधिकारियों का नंबर अपने मोबाइल में जरूर रखें।

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