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Varanasi News: दशाश्वमेध प्लाजा के सामने अंतिम रोपवे स्टेशन बनाने की तैयारी, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचने में होगी आसानी

वाराणसी में देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना के अंतिम स्टेशन को लेकर बड़ा बदलाव हो रहा है। गोदौलिया चौराहे से करीब 200 मीटर आगे दशाश्वमेध प्लाजा के सामने सरकारी भूखंड पर स्टेशन बनाया जा सकता है। इससे श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचना आसान हो जाएगा। संभावित बदलावों को लेकर प्रस्ताव दिल्ली भेजा है। सुरक्षा के पहलू को भी ध्यान में रखना है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 26 Oct 2024 11:22 AM (IST)
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अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना बदलाव किया जा रहा है। जागरण (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
 संग्राम सिंह, जागरण वाराणसी। देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना के अंतिम स्टेशन को लेकर बड़ा बदलाव हो रहा है। वाराणसी के गोदौलिया चौराहे से करीब 20 मीटर पहले (गिरजाघर की तरफ) स्टेशन बनाया जाना संभव नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां कंक्रीट का पिलर बनाने की जगह ही नहीं है।

जमीन के नीचे कई बड़े नाले हैं, जिनसे छेड़छाड़ होने पर शहर का सीवरेज सिस्टम ध्वस्त हो सकता है। सड़क बैठ भी सकती है। ऐसी स्थिति में स्टेशन को गोदौलिया से करीब 200 मीटर आगे दशाश्वमेध प्लाजा के सामने सरकारी भूखंड पर बनाया जा सकता है।

मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने कार्यदायी एजेंसी एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) को नए सिरे से सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। उन्होंने तीन विकल्प भी सुझाए हैं। गोदौलिया पर स्टेशन नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए स्टेशन का निर्माण प्लाजा पर हो। आरती देखने वाले यात्री रोपवे से सीधे यहां पहुंच जाएंगे।

श्रीकाशी विश्‍वनाथ मंदिर पहुंचने में होगी आसानी।- जागरण


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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर भी आसानी से पहुंच सकेंगे। भीड़ को व्यवस्थित करना तुलनात्मक रूप से सरल होगा। गोदौलिया चौराहे का मूल स्वरूप भी नहीं बदलेगा। मंडलायुक्त ने गोदौलिया स्थित मल्टीलेवल पार्किंग की बिल्डिंग में स्टेशन शिफ्ट करने का विकल्प भी दिया है।

इसके लिए बाइक पार्किंग वाले हिस्से का इस्तेमाल हो सकता है। किन्हीं तकनीकी कारणों से अगर दोनों विकल्प अमल में नहीं लाए जा सकते हैं तो गिरजाघर को ही अंतिम पब्लिक स्टेशन के रूप में विकसित करें। हालांकि कार्यदायी एजेंसी अभी कोई बदलाव करने की स्थिति में नहीं है। उन्हें संभावित बदलावों को लेकर प्रस्ताव दिल्ली भेजा है और लिखित आदेश का इंतजार है। सुरक्षा के पहलू को भी ध्यान में रखना है।

श्रीकाशी विश्‍वनाथ मंदिर। जागरण


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दशाश्वमेध प्लाजा पर स्टेशन बनाया जाता है तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से एनओसी के लिए बात की जाएगी। तीन से चार विकल्पों पर अध्ययन हो रहा है। एक सप्ताह में सर्वे रिपोर्ट मांगी गई है। अभी अधिक ध्यान पहले पैकेज के कार्य की तरफ है। कैंट से रथयात्रा तक ट्रायल रन दिसंबर तक कराया जाएगा, इतना हिस्सा पूर्ण होने के बाद ही दूसरे पैकेज की तरफ ध्यान देंगे। - कौशलराज शर्मा, मंडलायुक्त

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