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UP News: सड़क हादसे में मृत पति-पत्नी के आश्रित को मिलेगी 10 लाख की आर्थिक सहायता, टैंकर से हुआ था हादसा

किसी व्यक्ति की अगर सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है और वाहन चालक फरार हो जाता है तो मृतक के आश्रित को हिट एंड रन के तहत दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। दुर्घटना में दिव्यांग होने पर 50000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। आर्थिक सहायता के लिए घटना होने पर पुलिस पोस्टमार्टम के बाद इसकी सूचना परिवहन विभाग को उपलब्ध कराता है।

By Ashok Singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 21 Aug 2024 11:41 AM (IST)
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मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत उनके आश्रित को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रिंग रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम गंजारी के समीप गलत दिशा से आ रहे टैंकर ने रविवार को बाइक सवार दंपती समेत मासूम को कुचल दिया। तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जिला प्रशासन ने दर्दनाक घटना में मृत पति-पत्नी को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने का निर्णय लिया है।

एडीएम प्रशासन बिपिन कुमार ने बताया दुर्घटना में राजातालाब थाना क्षेत्र के परसुपुर गांव का रहने वाले राजू पटेल (35 वर्ष) पत्नी नीलम (32 वर्ष), बेटी परी को लेकर रक्षाबंधन पर राखी बांधने पत्नी के मायके शिवपुर थाना क्षेत्र के चमाव जा रहा था। डीहगंजारी गांव के सामने निर्माणाधीन स्टेडियम के पास पहुंचा ही था तभी गलत दिशा से आ रहा तेज रफ्तार पानी के टैंकर के सामने आ गया। तीनों की मौत हो गई।

पति-पत्नी कृषि और मजदूरी से परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। इस कारण मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत उनके आश्रित को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

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क्या है कृषक कल्याण योजना

उत्तर प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लागू किया था। योजना का संचालन जिलाधिकारी द्वारा किया जाता है।

मुख्यमंत्री का मानना है कि किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही है। किसी भी तरह दुर्घटनावश मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार की जीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं बचता है। इसी समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार कृषक की मृत्यु पर 500000 और 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर 200000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।

पात्रता

  • उत्तर प्रदेश के किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हो।
  • भुलेख निर्गत खतौनी में दर्ज खातेदार, सह खातेदार हो। जो दुर्घटनावश का शिकार हुआ है उनके माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्रवधू, पौत्र-पौत्री जिनकी आय का जरिया खातेदार/सहखातेदार में दर्ज कृषिभूमि से चलता हो।
  • ऐसे किसान जिनकी पास खुद की जमीन नही है किन्तु बटाई अथवा पट्टे खेती करते हों।

दुर्घटना का प्रकार

कृषक को सांप अथवा अन्य जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने, आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में। हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती, मारपीट में हुई वाली दुर्घटना, डूबने, रेल व सड़क व हवाई दुर्घटना, आंधी-तूफान, मकान गिरने, आग लगने आदि में होने वाली दुर्घटना की स्थिति में लाभ प्रदान किया जाता है।

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हिट एंड रन दुर्घटना में मिलता है दो लाख

परिवहन विभाग सड़क दुर्घटना में घायल व मृतक के परिवार वालों को योजना की जानकारी देकर मुआवजा के लिए आवेदन करने को कहेगा।

आवेदन रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंप देगा। जिलाधिकारी मुआवजा राशि देने का अनुमोदन कर शासन को भेज देगा। शासन स्तर से ही मुआवजा राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाएगा।

इस संबंध में पुलिस कार्यवाही नहीं करती है तो मृतक आश्रित एसडीएम या जिलाधिकारी के पास आवश्यक दस्तावेजों के तहत आवेदन कर सकता है।

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