वाराणसी में संकट मोचन संगीत समारोह का पहला दिन, डिजिटल प्लेटफार्म पर गूंजा हनुमत प्रभु का बखान
संकट मोचन संगीत समारोह में शनिवार को डिजिटल प्लेटफार्म पर हनुमत प्रभु का बखान गूंजा। हनुमजयंती पर आयोजित होने वाले इस समारोह में कलाकारों ने अपने घरों से ही प्रस्तुति दी। मंदिर परिसर स्थित विशाल मंच के आकार की लगाई गई एलईडी के जरिए प्रभु चरणों में हाजिरी लगाई।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Sun, 02 May 2021 08:58 AM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। विश्व विख्यात संकट मोचन संगीत समारोह में शनिवार को डिजिटल प्लेटफार्म पर हनुमत प्रभु का बखान गूंजा। हनुमज्जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले इस समारोह में कलाकारों ने अपने घरों से ही प्रस्तुति दी। मंदिर परिसर स्थित विशाल मंच के आकार की लगाई गई एलईडी के जरिए प्रभु चरणों में हाजिरी लगाई। इसे संगीत रसिक श्रद्धालुओं ने फेसबुक लिंक से जुड़ कर कोरोना मुक्ति की कामना संग रसपान किया। छह दिनी आयोजन का डिजिटल मंच रात आठ बजे सजा और फेसबुक लिंक facebook.com/Sankatmochansangeetsamaroh से जुड़े।
ख्यात शास्त्रीय गायक पं. जसराज के शिष्य लोकेश आनंद ने नई दिल्ली से ही शहनाई की तान छेड़ी। गुरु पं. जसराज के भजन हनुमान लला, प्यारे लला... धुन से श्रीगणेश किया। इस भजन को पिछले साल पं. जसराज ने न्यू जर्सी अमेरिका से हनुमत चरणों में प्रस्तुत किया था। दूसरी प्रस्तुति में हैदराबाद के राम प्रपन्न भट्टाचार्य ने राग यमन में सितार के तार छेड़े। अलाप, जोड़ व झाला प्रस्तुत किया व बंदिश भी बजाई। तीसरी प्रस्तुति में अतुल शंकर ने बांसुरी वादन से मंत्र मुग्ध किया। उन्होंने राग हंस ध्वनि में अलाप, जोड़ व झाला बजाया। तबले पर ललित कुमार ने साथ दिया।
गणेश प्रसाद मिश्र ने राग राजेश्वरी में बड़ा व छोटा ख्याल प्रस्तुत किया। ए ओ दई कान्ह बांसुरी बजावे... व छोटा ख्याल प्रभु गुन गाओ रे तू मन.... से विभोर किया। उन्होंने चैती चैत मास सैंया नाहीं अइलें हो रामा... व ठुमरी ना मानूँगी ना मानूँगी उनके मनाए बिना... से मुग्ध किया। अंत में पं. राजन मिश्र को समर्पित भजन धन्य भाग सेवा का अवसर पाया... सुना कर श्रोताओं की पलकें गीली कर दीं। इससे पहले महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने समय-काल अनुसार कोरोना से बचाव व एहतियात की सलाह दी। कहा संकट मोचन महराज सब ठीक करेंगे, वह संकटों से बचाएंगे।
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