सर्किट हाउस में दो कमरों के लिए माननीयों को मात्र 30 रुपये में मिलती है होटल जैसी सुविधा
UP Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश के जिलों में बने सर्किट हाउस और सरकारी गेस्ट हाउस में जाकर ठहरने के लिए मात्र 30 रुपये में दो कमरे का सुइट मिलता है। अधिसूचना लागू होने के बाद उन्हें अधिक किराया देना पड़ता है।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 09 Feb 2022 01:09 PM (IST)
वाराणसी [अशोक सिंह]। अभी तक आम जनता को संसद की कैंटीन में सस्ते भोजन की ही जानकारी थी लेकिन अब जान लीजिए कि माननीयों को मात्र तीस रुपये में डबल कमरे के सुइट में होटल सरीखी सुविधा सर्किट हाउस में प्रदान की जाती है। विधायकों व सांसद जैसे जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को सरकार की तरफ से बहुत सी सुविधा दी जाती है। इसमें उन्हें विभिन्न जनपदों में स्थित सर्किट हाउस और सरकारी गेस्ट हाउस में जाकर ठहरने के लिए मात्र 30 रुपये में दो कमरे का सुइट दिया जाता है। चुनाव अधिसूचना लागू हो जाने के बाद उन्हें कुछ अधिक किराया देना पड़ता है। इस कारण जनप्रतिनिधि सर्किट हाउस में ठहरने के लिए आते ही नहीं। उन्हें 30 रुपये में ही दो कमरे का सुइट चाहिए।
यह भी पढ़ें : बलिया में टिकट कटने के बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का शक्ति प्रदर्शन, कहा- 'आकर देख लें पार्टी के शीर्ष नेता'
जिला प्रशासन की अनुसार सर्किट हाउस व गेस्ट हाउस में ठहरने के लिए सामान्य दिनों में एक कमरे का किराया 25 रुपये, दो कमरे के सुइट और गवर्नर सूट का किराया 30 रुपया लगता है। अधिसूचना जारी होने के बाद एक कमरे का किराया 425 रुपये, दो कमरे के सुइट और गवर्नर सुइट का किराया बढ़कर 425 रुपया हो जाता है। इसे जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों को अपनी जेब से देना पड़ता है। इसी का परिणाम है कि आम चुनाव 2022 की घोषणा होने के बाद से एक भी जनप्रतिनिधि या मंत्री सर्किट हाउस में ठहरने के लिए नहीं आया है। सभी आते हैं तो भी होटलों या किसी अन्य ठिकाने पर रहते हैं। सर्किट हाउस में काम करने वाले कर्मचारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं या साफ-सफाई व सुरक्षा में लगे रहते हैं।
नियमानुसार सर्किट हाउस में आचार संहिता लागू होने के दौरान ठहरने पर किसी भी जनप्रतिनिधि व मंत्री या जो सर्किट हाउस में रुकने के लिए अधिकृत हैं उसे कोई रोक नहीं है। केवल वहां पर वह कोई बैठक आदि नहीं कर सकता है। कर्मचारी बताते हैं कि बैठक आदि करने पर रोक के कारण ही यहां ठहरने के लिए नहीं आते हैं। इस लिहाज से माननीयों के ठहरने के लिए सर्किट हाउस अधिसूचना जारी होने के बाद लाभ का सौदा नहीं रहता। इसलिए पांच साल तक वीआइपी सुविधा लेने वाले माननीयों से चुनाव के दौरान सर्किट हाउस खाली रहते हैं।
यह भी पढ़ें : Up Election 2022 : मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने नामांकन के लिए न्यायालय में दिया पत्र, सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।