Varanasi News: विदेश मंत्री एस. जयशंकर वाराणसी में बोले- विश्व स्तर पर मंदिरों का संरक्षण जरूरी
S Jaishankar In Kashi Tamil Sangamam विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर हैं। आज उन्होंने काशी-तमिल संगमम के आयोजनों की श्रृंखला में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित संगोष्ठी में हिस्सा लिया। जहां उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर मंदिरों का संरक्षण जरूरी है।
वाराणसी, जेएनएन। S Jaishankar In Kashi Tamil Sangamam विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार सुबह काशी-तमिल संगमम के आयोजनों की श्रृंखला में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित संगोष्ठी में सम्मिलित हुए। इससे पूर्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार सुबह हनुमान घाट जाकर तमिल महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के भांजे केवी कृष्णन से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने महान राष्ट्रवादी कवि की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंदिरों के संरक्षण के लिए उठाये गए जरूरी कदम
समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में मंदिरों का योगदान विषयक संगोष्ठी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि मंदिरों के विश्व स्तर पर संरक्षण की जरूरत है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि भारतीयों की आस्था को सशक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय हेरिटेज का पुनर्निर्माण और साज-संवार विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के संरक्षण के लिए भी जरूरी है। एएसआइ इसके लिए निरंतर सक्रिय है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंदिरों के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाये गए हैं।
सऊदी अरब जैसे देश में मंदिर की स्थापना ग्लोबल विलेज की संकल्पना का महत्वपूर्ण हिस्सा
नेपाल, चीन, भूटान, कम्बोडिया, श्रीलंका और बांग्लादेश ही नहीं बल्कि अमेरिका में हजार से अधिक मंदिर आज मौजूद हैं। रामायण सर्किट के जरिये त्रेतायुगीन स्थलों को जोड़ा गया है। अंकोरवाट मंदिर कम्बोडिया का विश्व विख्यात मंदिर है। वहां आज पुनर्निर्माण कर उसे संरक्षित और विस्तृत कर पर्यटकों-आस्थावानों को आकर्षित किया जा रहा है। सऊदी अरब जैसे देश में मंदिर की स्थापना ग्लोबल विलेज की संकल्पना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारतीयों की आस्था को सशक्त करने को सरकार प्रतिबद्ध
मंदिरों के विश्व स्तर पर संरक्षण की जरूरत है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि भारतीयों की आस्था को सशक्त किया जाए। कोरिया से अयोध्या का रिश्ता आज दोनों देशों के बीच बड़ा संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रहा है। असल में मंदिरों के पुनरोत्थान से सिर्फ हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि विश्व भर को साथ लाने में मदद भी मिली है। इससे कारोबार ही नहीं बल्कि संस्कृति और आपसी सम्बन्धों को भी मजबूती मिली है।