अयोध्या विवाद के हल में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व अधिकारी पद्मश्री केके मोहम्मद ने कहा कि कि अयोध्या में उत्खनन के बाद सच्चाई सामने आ गई थी इसके बाद भी वामपंथी इतिहासकारों ने झूठे नैरेटिव गढ़े। विशेष रूप से इरफान हबीब और उनकी टीम ने। दुर्भाग्य यह कि कांग्रेस की सरकार ने इस कट्टरपंथी टीम को खूब बढ़ावा दिया।
शैलेश अस्थाना, वाराणसी।
अयोध्या विवाद के हल में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व अधिकारी पद्मश्री केके मोहम्मद ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा का ईदगाह हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है। यह स्पष्ट दिखता है। मुसलमानों को चाहिए कि इन्हें हिंदुओं को सौंपकर भाईचारे का परिचय दें और इस्लाम के सिद्धांतों को जीत दिलाएं।
ख्यात पुरातत्वविद ने यह भी कहा कि अयोध्या में उत्खनन के बाद सच्चाई सामने आ गई थी, इसके बाद भी वामपंथी इतिहासकारों ने झूठे नैरेटिव गढ़े। विशेष रूप से इरफान हबीब और उनकी टीम ने। दुर्भाग्य यह कि कांग्रेस की सरकार ने इस कट्टरपंथी टीम को खूब बढ़ावा दिया।
केके मोहम्मद बीएचयू के कला-इतिहास विभाग में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने के लिए काशी आए थे।
जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि वामपंथी इतिहासकारों ने अयोध्या ही नहीं बहुत से मामलों में झूठ गढ़ा। कहा गया कि अयोध्या में हुई खोदाई में एएसआइ के महानिदेशक रहे प्रो. बीबी लाल को कुछ मिला ही नहीं। तब उन्होंने मीडिया को बताया कि वह अकेले मुस्लिम थे जो अयोध्या में हुए उत्खनन में शामिल थे और वहां मंदिर होने के तमाम साक्ष्य मिले हैं।
इसके बाद भी 2019 में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने से एक माह पूर्व इरफान हबीब और एएमयू के इतिहासकार नदीम रिजवी ने लिखा कि केके मोहम्मद झूठ बोलता है, वह उत्खनन में था ही नहीं, तब बीबी लाल सर ने जवाब दिया कि वह मेरे साथ था।
मुहम्मद ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में दो सौ से अधिक मस्जिदें हैं, जिन्हें मंदिर तोड़कर बनाया गया है। बिहार में इनकी संख्या अधिक नहीं है। कई बौद्ध स्तूपों को भी दरगाह में बदला गया।
कुतुबमीनार नहीं, कुतुबुल इस्लाम मस्जिद बनी है मंदिर तोड़कर
कुतुबमीनार भी हिंदू मंदिर था, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कुतुबमीनार नहीं, बल्कि उसके बगल में बनी कुतुबुल इस्लाम मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है। कुतुबमीनार इस्लामिक संरचना है।
ताजमहल मुगलकालीन स्थापत्य
आगरा के ताजमहल के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा करने वाले हर समुदाय में होते हैं। ताजमहल मुगलकालीन स्थापत्य है। मेहराब, गुंबद, मीनारें हिंदू स्थापत्य कला में नहीं आते। उसके नीचे शिवलिंग होने की बात भी गलत है, मैंने इस पर शोध किया है।
यह हिंदुत्व की महानता कि भारत सेकुलर देश
बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि यह हिंदुत्व की ही महानता है कि भारत आज एक सेकुलर देश है। वरना मुस्लिम समुदाय को अलग देश देने के बाद यह भी हिंदू राष्ट्र हो सकता था। यह कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं कि यदि यहां हिंदू समुदाय बहुमत में नहीं होता तो यह भी सेकुलर देश नहीं होता।
इस्लामिक शिक्षा बनाती है कट्टर
मंदिरों को ध्वंस कर मस्जिद बनाने के पीछे उन्होंने इस्लामिक शिक्षा को दोषी बताया। कहा कि मुसलमानों को शुरू से ही पढ़ाया जाता है कि हम ही सर्वश्रेष्ठ हैं। बाकी सब काफिर हैं। हम जन्नत में जाएंगे, बाकी अंधेरे में हैं। उनको मुसलमान बनाना भी हमारा फर्ज है। मुसलमान की मानसिकता ही ऐसी बन गई है।
अफगानिस्तान, सीरिया, इरान-इराक में यही है। ऐसा सिर्फ इस्लाम में ही नहीं, क्रिश्चियनिटी, यहूदी सभी संप्रदायों में है, सिर्फ हिंदुत्व को छोड़कर। आज भले ईसाईयत में शिक्षा की वजह से यह विचार पालिश्ड हो गया है। मदरसों का पाठ्यक्रम बदलना चाहिए। दीनी तालीम की जगह आधुनिक शिक्षा देनी चाहिए तभी माहौल बदल सकता है।
फतवों के डर से सच बोलना छोड़ दूं, मरना तो है ही एक दिन
सच बोलने का खामियाजा बताते हुए उन्होंने कहा कि आज भी केरल में अपने घर में सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा के दायरे में रहता हूं। मेरे खिलाफ फतवा है कि मुझे कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे, कोई बात नहीं, मेरी मृत देह मेडिकल कालेज को दान कर दूंगा। यह भी सच है कि मुस्लिम समुदाय के लोग मुझे छोड़ेंगे नहीं, लेकिन क्या फतवों के डर से सच बोलना छोड़ दूं। मरना तो है ही एक दिन।
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