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आजमगढ़ से प्रयागराज तक बनेंगे चार बाईपास, जुड़ेंगे आठ नेशनल हाईवे; सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये की दी स्वीकृति

पूर्वांचल की कनेक्टिविटी मजबूत करने के इरादे से सड़क एवं परिवहन मंत्रालय फोरलेन सड़कों का जाल और मजबूत करेगा। तीसरे कार्यकाल में केंद्र सरकार की ख्वाहिश है कि वाहन शहरों में दाखिल हुए बिना लंबी दूरी का सफर तय कर सकें। अब प्रयागराज के सहसों टोल प्लाजा से आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक चार नए ग्रीनफील्ड फोरलेन बाईपास का निर्माण होगा।

By Sangram Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 18 Jun 2024 09:08 PM (IST)
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आजमगढ़ से प्रयागराज तक बनेंगे चार बाईपास (प्रतिकात्मक तस्वीर)
संग्राम सिंह, वाराणसी। पूर्वांचल की कनेक्टिविटी मजबूत करने के इरादे से सड़क एवं परिवहन मंत्रालय फोरलेन सड़कों का जाल और मजबूत करेगा। तीसरे कार्यकाल में केंद्र सरकार की ख्वाहिश है कि वाहन शहरों में दाखिल हुए बिना लंबी दूरी का सफर तय कर सकें। अब प्रयागराज के सहसों टोल प्लाजा से आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक चार नए ग्रीनफील्ड फोरलेन बाईपास का निर्माण होगा।

सड़क बनने के बाद कानपुर, बुंदेलखंड व प्रयागराज से आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, दोहरीघाट व बलिया जाने वालों को अब जौनपुर और आजमगढ़ शहर में दाखिल नहीं होना पड़ेगा। वह जाम के झंझावत में फंसे बिना मंजिल तक पहुंच सकेंगे। परियोजना से जनता को डेढ़ सौ किलोमीटर का लंबा फेरा नहीं लगाना पड़ेगा।

आठ नेशनल हाईवे को एक-दूसरे से किया जाएगा कनेक्ट

चार बाईपास सड़क के जरिए आठ नेशनल हाईवे को एक-दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा। चार आरओबी, तीन पुल और एक फ्लाईओवर का भी निर्माण किया जाएगा। 78.2 किलोमीटर परियोजना के लिए करीब पांच हजार करोड़ स्वीकृत हुआ है। हैदराबाद की कंपनी सतारा सर्विसेज एंड सोल्युशन प्राइवेट कंपनी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी मिली है।

पहला चरण  प्रयागराज के सहसों से फूलपुर तक एनएच-19 (वाराणसी-फतेहपुर रोड) और एनएच-319डी (सहसों से सतहरिया) को एक-दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए एनएच-19 पर सहसों टोल प्लाजा से प्रोजेक्ट शुरू होगा, जो एनएच-319 डी पर जुनेद पट्टी गांव में समाप्त होगा। करीब 17 किलोमीटर ग्रीनफील्ड सड़क को फूलपुर बाईपास से भी जोड़ेंगे, इसके लिए प्रयागराज-जंघई रेलवे लाइन पर एक आरओबी का निर्माण होगा।

दूसरा चरण  फूलपुर से सतहरिया तक एनएच-31 (कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी से पूर्णिया) और एनएच-319डी (सहसों से सतहरिया) को आपस में कनेक्ट किया जाएगा। एनएच-319डी पर फूलपुर के जुनेद पट्टी गांव से जौनपुर के सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण तक 23 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाया जाएगा। जंघई-प्रतापगढ़ रेलवे लाइन पर एक आरओबी बनेगा। एनएच-31 पर मुंगरा बाईपास का चौड़ीकरण होगा, साथ ही बरना नदी पर फोरलेन नया पुल बनाया जाएगा।

वाराणसी-सुलतानपुर रेलवे लाइन पर आरओबी का किया जाएगा निर्माण

तीसरा चरण  जौनपुर के बेलछा गांव से सरायख्वाजा तक एनएच-731 (लखनऊ-सुल्तानपुर से जौनपुर) और एनएच-135ए (अकबरपुर-शाहगंज-जौनपुर-मीरजापुर) को एक दूसरे से जोड़ेंगे। एनएच-31 पर बेलछा से एनएच-135ए पर सरायख्वाजा तक करीब 18.80 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। इसके लिए वाराणसी-सुलतानपुर रेलवे लाइन पर एक आरओबी का निर्माण किया जाएगा। सई नदी पर दो लेन का नया पुल जबकि गोमती नदी पर फोरलेन पुल का निर्माण होगा।

चौथा चरण  सेमरहा से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक एनएच-128 बी (आजमगढ़-मऊ से बलिया), एनएच-128ए (रानी की सराय-ठेकमा से जौनपुर) और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को एक-दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा। जौनपुर के सेमरहा से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक हाईवे बनेगा। इसके लिए शाहगंज-मऊ रेलवे लाइन पर एक आरओबी जबकि मऊ की ओर एक नया फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंग मार्ग भी प्रस्तावित है।

बाईपास के जरिए कई नेशनल हाईवे को एक-दूसरे से कनेक्ट करने का प्रयास है। कार्यदायी एजेंसी का चयन कर लिया गया है। सर्वे शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। - एसबी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, पूर्वी क्षेत्र, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

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