Gyanpur election result 2022 vote counting news : ज्ञानपुर में ढह गया चार बार के विधायक विजय मिश्र का सियासी किला
Gyanpur Election Result 2022 Vote Counting News Updates भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी और सपा के बीच टक्कर में जनता ने उन्हें ऐसे नकारा कि वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए। इस सीट पर एक बार फिर से निषाद पार्टी का कब्जा हो गया।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 04:45 PM (IST)
भदोही, जागरण संवाददाता। जरायम की दुनिया से सियासत पर चार बार से कब्जा जमाने वाले विधायक विजय मिश्र का किला आखिरकार 18वें विधानसभा चुनाव में ढह गया। विधानसभा सीट ज्ञानपुर से वह पांचवी बार सदन तक नहीं पहुंच सके। भाजपा सहयोगी दल निषाद पार्टी और सपा के बीच सीधी टक्कर में जनता ने उन्हें ऐसे नकारा कि वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए। इस सीट पर इस बार फिर से निषाद पार्टी का कब्जा हो गया। विजय मिश्र भी 2017 का चुनाव निषाद पार्टी से लड़कर जीते थे।
प्रयागराज के खपटिया निवासी विजय मिश्र ने 1986 में भदोही जिले की राजनीति में ब्लाक प्रमुख डीघ से सियासी सफर शुरू किया था। इसके पश्चात जिला पंचायत अध्यक्ष पद से लेकर विधानसभा ज्ञानपुर सीट उसका कब्जा हो गया। तीन बार वह लगातार सपा से विधायक रहे तो 2017 में टिकट कटने के बाद निषाद पार्टी से ताल ठोंकी थी। विपक्षी दलों की घेरेबंदी के बाद भी वह 22 हजार से अधिक मतों से जीत कर चौथी बार सदन में पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से माफिया के खिलाफ चलाए गए अभियान में अगस्त 2019 में शिकंजा कस दिया गया। रिश्तेदार कृष्णमोहन तिवारी का भवन एवं फर्म हड़पने के आरोप में गोपीगंज में मुकदमा दर्ज किया गया था। मध्यप्रदेश के आगर में गिरफ्तार होने के बाद आगरा जेल में बंद हैं। विजय मिश्रा पांचवी बार जेल से ही ताल ठोकी थी लेकिन जनता ने उसे नकार दिया।
सपा शासन में चलता था सिक्का : सपा शासन में विजय मिश्रा का सिक्का चलता था। दिन हो या रात, डीएम-एसपी एक ही दिन में बदल दिए जाते थे। समाजवादी पार्टी की कमान संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे सपा से निष्कासित कर दिया था। इसके पश्चात उन्होंने भाजपा से निकटता बढ़ाने की पूरी कोशिश की लेकिन वहां पर भी सफलता नहीं मिली।
विरोधियों के घेरेबंदी के सामने चित पड़ गए विजय मिश्र : विजय मिश्र ने सियासत में कदम में बढाया तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी का परिणाम था कि तमाम सियासी धुरंधर उसकी तिकड़म के सामने धराशायी हो जाते थे लेकिन इस बार विरोधियों की घेरेबंदी के सामने विजय मिश्र चित हो गए। उसके खिलाफ 2019 से ही घेरेबंदी शुरू कर दी गई थी। आगर में गिरफ्तारी के बाद विजय मिश्रा ने पूर्वांचल के कई नेताओं पर आरोप भी लगाए थे।
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