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डकैती प्रकरण: दारोगा के डकैत गिरोह पर 'गैंगस्टर' का शिकंजा, 42.50 लाख रुपये की लूट में थे शामिल

वाराणसी में ज्वैलर्स जयराम के कर्मियों से 42.50 लाख और कोलकाता के कारोबारी से 5 लाख की डकैती के मामले में पुलिस ने आरोपित दारोगा के गिरोह पर गैंगस्टर का शिकंजा कस दिया है। गिरोह के छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। 22 सितंबर को रामनगर थाना प्रभारी राजू सिंह ने डकैती गिरोह के सभी छह आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की थी।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 25 Sep 2024 09:38 PM (IST)
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डकैत गिरोह पर गैंगस्टर का शिकंजा। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। 22 जून की रात नीची बाग के ज्वेलर्स जयराम के कर्मियों अविनाश गुप्ता, धनंजय यादव से 42.50 लाख रुपये और कोलकाता के कारोबारी आतिश से पांच लाख रुपये की डकैती के मामले में पुलिस ने आरोपित दारोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के डकैत गिरोह पर गैंगस्टर का शिकंजा कस दिया है।

इसके साथ की जमानत पर छूटे दारोगा व गिरफ्तारी से अब तक बचते रहे एक बदमाश की गिरफ्तारी किसी पल संभव है। इससे पूर्व 22 सितंबर को रामनगर थाना प्रभारी राजू सिंह ने डकैती गिरोह के सभी छह आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की थी।

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वारदात के छह आरोपित जिन पर लगा गैंगस्टर

  • सूर्यप्रकाश पांडेय, निवासी कर्नलगंज प्रयागराज और मूल निवासी पांडेयपुर जनपद बलिया, तत्कालीन नदेसर पुलिस चौकी प्रभारी।
  • नीलेश यादव निवासी बड़ागांव।
  • मुकेश दुबे निवासी बड़ागांव।
  • योगेश पाठक निवासी चोलापुर।
  • विकास मिश्रा आयर बाजार चोलापुर।
  • अजय गुप्ता, अहिरौली आयर बाजार चोलापुर।

यह था पूरा मामला

नीचीबाग के ज्वेलर्स जयराम के कर्मचारी अविनाश गुप्ता, धनंजय यादव 22 जून की रात बस से कोलकाता जा रहे थे। रास्ते में बस को निशाना बनाकर डकैती डाली गई। रामनगर पुलिस ने केस दर्ज करने में हीलाहवाली की, लेकिन पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल को भनक लगी तो उन्होंने गहराई से जांच कराई।

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जिसमें आरोपित दारोगा सूर्यप्रकाश और उसके छह साथियों का नाम सामने आया। गिरोह के पकड़े जाने की भनक पर कोलकाता से पहुंचे कारोबारी आतिश ने अपने पांच लाख रुपये लूटने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल केस की सुस्त जांच पर रामनगर के तत्कालीन इंस्पेक्टर और एसीपी को हटा दिया थे। तेज जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर राजू सिंह को सौंपा गया था, जो दिखाई भी पड़ने लगा है।