काशी रोपवे परियोजना के गोंडोला में बनेगी बिजली, लगेगा सोलर पैनल; रेडियो व वायस कम्युनिकेशन सिस्टम के संचालन समेत ये होगी सुविधा
बनारस में 50 मीटर लंबे 12 टावर आ चुके हैं परियोजना में कुल 29 टावर स्वीकृत हैं। मई से टावर इंस्टालेशन शुरू होगा इसी टावर पर रोप की फिटिंग की जाएगी। हालांकि एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने इंस्टालेशन की रणनीति में बदलाव किया है। अब यह कार्य विद्यापीठ से रथयात्रा स्टेशन के मध्य होगा इस बीच कुल आठ टावर स्थापित किए जाएंगे।
संग्राम सिंह, वाराणसी। देश की पहली अर्बन रोपवे परियोजना में इस्तेमाल हो रहे 148 मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला की डिजाइन जर्मनी की पोर्श कंपनी ने बनाई है। गोंडोला की छत पर सोलर पैनल स्थापित किया जाएगा ताकि सूरज की किरणें बिजली का उत्पादन करें, इससे लाइटें जलेंगी।
रेडियो और वायस कम्युनिकेशन सिस्टम के संचालन में मदद मिलेगी, क्याेंकि रास्ते भर यात्री काशी का वैभव सुनेंगे। राम धुन व भजनों से माहौल भक्तिमय होगा।
बनारस में 50 मीटर लंबे 12 टावर आ चुके हैं, परियोजना में कुल 29 टावर स्वीकृत हैं। मई से टावर इंस्टालेशन शुरू होगा, इसी टावर पर रोप की फिटिंग की जाएगी। हालांकि एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने इंस्टालेशन की रणनीति में बदलाव किया है।
15 मई तक हो जाएगी रोप की आमद
कैंट से विद्यापीठ राेपवे स्टेशन के मध्य टावर इंस्टालेशन रोक दिया गया है। अब यह कार्य विद्यापीठ से रथयात्रा स्टेशन के मध्य होगा, इस बीच कुल आठ टावर स्थापित किए जाएंगे। यहां का काम पूरा होनेे के बाद कैंट की तरफ टावर लगेंगे क्योंकि यह स्थल अधिक भीड़ वाला है। 15 मई तक रोप की आमद हो जाएगी।
गोंडोला की बाडी एल्यूमीनियम से बनी है, इसकी सीट फोल्डेबल होगी ताकि यात्री अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकें।
सफर के दौरान कोई जबरन गेट नहीं खोल सके, इसके लिए स्वचालित लाकिंग डिवाइस लगाई गई है। गोंडाला की क्षमता 800 किलोग्राम है। औसतन 10 लोग एक साथ सफर कर सकेंगे। दरवाजे स्वचालित खुलेंगे और बंद हाेंगे। केबिन वाटरप्रूफ होगा। वायु प्रवाह को बढ़ाने के लिए यात्रा की दिशा में खिड़कियां होंगी। यात्री केबिन के अलावा भारी सामग्री के परिवहन और लाइन के रखरखाव के लिए दो अतिरिक्त केबिन की व्यवस्था होगी।
आस्ट्रिया से निकल चुका रोप, प्लेटफार्म स्तर कार्य पूरा
एनएचएलएमएल की प्रबंधक पूजा मिश्रा ने बताया कि कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा राेपवे स्टेशन पर प्लेटफार्म स्तर तक कार्य हो चुका है। आस्ट्रिया से रोप की खेप निकल चुकी है, वह 15 मई तक पहुंचेगी। फसाड कार्य इसी महीने शुरू होगा। गिरिजाघर और गोदौलिया में प्री-फैब्रिकेटेड स्टेशन तैयार किया जाएगा। अब तक कुल चार गोंडाला आ चुके हैं। जून तक पहले सेक्शन का पूरा सामान आ जाएगा ताकि ट्रायल रन समय पर हो सके।