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दिवाली से पहले गुरु पुष्य योग में खरीदारी और निवेश का बन रहा है महासंयोग, ग्राहकों के लिए सज चुका है बाजार

दिवाली से पहले गुरु पुष्य योग में खरीदारी और निवेश करना बेहद शुभ माना जाता है। इस साल 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग बन रहा है। इस दिन सोना-चांदी के सिक्के बर्तन कपड़े आदि खरीदना शुभ रहेगा। बाजार में सोने-चांदी के सिक्कों की खनक से कारोबार चमक उठा है। लक्ष्मी-नारायण पूजन समेत किया गया कार्य स्थायी और शुभ फलदायी हो जाता है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 23 Oct 2024 07:55 AM (IST)
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बाजार में उपलब्ध सोने के सिक्के।- गुंजन अग्रवाल।
 जागरण संवाददाता, वाराणसी। दीप ज्योति पर्व शृंखला का आरंभ कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर 29 अक्टूबर को धनतेरस से होगा, लेकिन इस बार इससे पांच दिन पहले ही श्रीसमृद्धि का महायोग बन रहा है। कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि में 24 अक्टूबर-गुरुवार को पुष्य नक्षत्र मिल रहा।

देवगुरु बृहस्पति के दिन पुष्य नक्षत्र की उपस्थिति से बन रहा गुरु पुष्य योग शुभ-लाभ का विशेष संयोग बनाएगा। यह विशेषकर चतुर्दिक यात्रा के लिए प्रशस्त माना जाता है, लेकिन नक्षत्र विशेष के स्थायित्व प्रदाता होने से इसे स्थिर लक्ष्मी संग्रह समेत क्रय का अपुच्छ मुहूर्त माना जाता है।

लक्ष्मी-नारायण पूजन समेत किया गया कार्य स्थायी और शुभ फलदायी हो जाता है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य ख्यात ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय के अनुसार कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि में 24 अक्टूबर को सुबह 11.48 बजे के बाद पुष्य नक्षत्र मिल रहा है जो अगले दिन दोपहर 12.22 बजे बजे तक रहेगा।

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गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से इसका मान गुरु पुष्य नक्षत्र का है। पुष्य का अर्थ है पोषण करने, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला। नक्षत्रराज पुष्य के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। बृहस्पति ज्ञान, अध्यात्म और त्याग के कारक हैं।

चांदी के छोटे-बड़े विभिन्न प्रकार के सिक्के।- गुंजन अग्रवाल


कार्य-व्यवसाय आरंभ, क्रय-निवेश फलदायी

तिथि विशेष पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग यश-कीर्ति, ऐश्वर्य, सफलता और सुख-समृद्धि का कारक है। इस तरह के शुभ योगों के अनूठे संयोगों के बीच पुष्य नक्षत्र के वास से ज्ञान-ध्यान, पूजन-अनुष्ठान, कार्य-व्यवसाय आरंभ, जमीन-मकान, सोना-चांदी, वाहन समेत सुख-सुविधा के सामान की खरीद, निवेश और किया गया कार्य सिद्ध होता है।

कारण यह कि इसमें देवगुरु बृहस्पति धातु को प्रशस्त करते हैं। विशेषकर उन्हें पीली धातु यानी स्वर्ण प्रिय है। गुरु शुभता के प्रतीक हैं। गुरु पुष्य योग में लक्ष्मी-नारायण के पूजन-अर्चन का विशेष मान है। इससे शुभ-लाभ में वृद्धि होती है। यात्रा, कार्य प्रशस्त होते हैं। उनकी कृपा से जीवन में श्रीसमृद्धि आती है।

रामलला, विक्टोरिया, लक्ष्मी-गणेश के सिक्के, नोट व मूर्ति की मांग

बाजार पूरी तरह धनतेरस और दीपावली के मूड में आ गया है। सोने-चांदी के अप्रत्याशित बढ़ती कीमत के साथ ही बाजार की तैयारी भी कम नहीं है। बाजार गुलजार है और बढ़ती कीमत का कोई असर फिलहाल तो नहीं दिख रहा। चूंकि सोने-चांदी की खरीद निवेश के सापेक्ष होता है इसलिए बनारस के बाजार को अबकी धनतेरस और दीवाली से बहुत आस है।

इस बार धनतेरस व दीवाली के लिए एक ऐसा बाक्स जिसे खोलने पर महालक्ष्मी जी का मंत्र सुनने को मिलेगा। इसमें 12.5 ग्राम में लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, श्रीयंत्र व चरण पादूका के पांच सिक्के मौजूद है।- जागरण


बोनस और दिवाली से पूर्व कई संस्थानों में वेतन या पर्व अग्रिम बंटने से बाजार के रौनक के बरकरार रहने की आश्वस्ति अभी से प्रबल है। गहने, बर्तन, कपड़े आदि की दुकानों पर अब शाम को सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा लोग उमड़ने लगे हैं। लोग त्योहार के साथ-साथ लगन की भी खरीदारी कर रहे हैं। विभिन्न देशों में उपजे तनाव से सोने-चांदी का भाव बढ़ने के बाद भी बाजार झूम उठा है।

सोने-चांदी के सिक्कों की खनक से कारोबार चमकने लगा है। सबसे अधिक रामलला, विक्टोरिया, लक्ष्मी-गणेश के सिक्के, सोने और चांदी के नोट व मूर्तियों की मांग हो रही है। सोने का भाव 81 हजार तो चांदी का भाव लगभग एक लाख के पास पहुंच गया है। मंगलवार को बनारस के बाजार में 10 ग्राम सोने का भाव 80,980 रुपये था तो एक किलो चांदी का भाव 99,250 रुपये हो गया था। अगर यही स्थिति रही तो सोने-चांदी का भाव और बढ़ सकता है।

सिगरा क्षेत्र में दिवाली की सजने लगी दुकाने । जागरण


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यही कारण कि लोग सोना ज्यादा खरीद रहे हैं। इसके पीछे उनका एक उद्देश्य निवेश करना भी है। धनतेरस व दीवाली को लेकर चांदी के बर्तन की भी मांग बढ़ी है। साथ ही लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति भी। ये सामग्री 20 से 500 ग्राम तक में उपलब्ध है। साथ ही रामदरबार, राजा-रानी के सिक्कों की भी खूब मांग हो रही है। वहीं बाजार में चांदी के 5 ग्राम से एक किलो तक के सिक्के उपलब्ध हैं।

वहीं सोने के सिक्के एक ग्राम से 100 ग्राम तक के हैं। रामलला के सिक्कों की अधिक मांग है। साथ ही लग्न को लेकर लोग अन्य आभूषण भी खरीद रहे हैं और एडवांस बुकिंग भी करा रहे हैं। करवा चौथ के बाद से ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। लोग सोने-चांदी के सिक्कों के साथ ही वेडिंग ज्वेलरी की बुकिंग खूब कर रहे हैं। लोग बुकिंग ज्वेलरी धनतेरस के शुभ दिन लेने वाले हैं।

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