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Gyanpur Election Result 2022 : ज्ञानपुर की जनता ने अपराध को नकारा, विजय मिश्रा तीसरे स्‍थान पर

ज्ञानपुर की जनता ने अपराध को नकारने के साथ ही यहां से विधायक रहे विजय मिश्रा को तीसरे स्‍थान पर धकेल दिया है। आगरा जेल में बंद विजय मिश्रा इस बार आगरा जेल से ही ज्ञानपुर से चुनाव लड़ रहे थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 03:59 PM (IST)
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ज्ञानपुर से विजय मिश्रा इस बार तीसरे स्‍थान पर हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। अबकी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम रोचक और चौकाने वाले आ रहे हैं। खासकर पूर्वांचल के जिलों में। अब बात की जाए भदोही जिले के ज्ञानपुर विधानसभा सीट की। यहां पर माफिया विजय मिश्र प्रभसपा दल से जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन यहां की जनता ने अपराध काे नकार दिया है। यही कारण है कि विजय मिश्र तीसरे स्थान पर रहे। ज्ञानपुर से भाजपा और निषाद पार्टी के उम्‍मीदवार विपुल दुबे ने जीत हासिल की है। 

राउंड -30 -- ज्ञानपुर

भाजपा निषाद विपुल दुबे - 66258

सपा - रामकिशोर बिंद ---62014

प्रमासपा विजय मिश्र -- 33471

भाजपा और निषाद पार्टी से विपुल दुबे 4244 वोटों से आगे। 

यहां पर 19 वें राउंड में भाजपा-निषाद पार्टी के विपुल दुबे 42631 वोट के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के रामकिशोर 38687 के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि प्रमासपा के विजय मिश्र को दोपहर 2.30 बजे तक महज 20370 वोट ही मिल हैं। मालूम हो कि भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर विजय मिश्र पांचवी बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से ताल ठोंक रहे हैं। वह इन दिनों आगरा जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या का प्रयास आदि का मामजा है।विधानसभा चुनाव 2017 में सपा से टिकट कटने के बाद निषाद पार्टी से लड़े थे। करीब 22 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। इसके पहले वह 2002 से तीन बार सपा से ही विधायक थे।

इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जेल से ही उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नामांकन किया है। जेल में रहने के कारण उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र व अधिवक्ता बेटी रीमा पांडेय चुनाव प्रचार कर रही थीं। कुल मिलाकर जेल में बंद राजनीति के खिलाड़ी का इसबार ज्ञानपुर की जनता ने खेल बिगाड़ने का मन बना लिया है। खैर जो भी शाम करीब छह बजे तक स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी। हालां‍कि, विजय मिश्र के जेल में होने के बाद से उनके परिवार की ओर से चुनाव का पूरा खेल संभाला गया मगर धीरे धीरे सब उनके हाथ से फ‍िसलता चला गया।

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