Gyanvapi Case: पानी की टंकी में मिले शिवलिंग का आधार ज्ञानवापी के तहखाने में..., हिंदू पक्ष का दावा
Gyanvapi Case ज्ञानवापी परिसर की पानी टंकी में मिले शिवलिंग का आधार तहखाना में होने का दावा मंदिर पक्ष करता है। उस क्षेत्र का एएसआइ सर्वे नहीं हुआ है। इसके नीचे तलगृह में मौजूद हिस्से को भी दीवारों से बंद किया गया है। पानी की टंकी के सर्वे को लेकर मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादी राखी सिंह ने हाई कोर्ट ने अपील दाखिल की है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर की पानी टंकी में मिले शिवलिंग का आधार तलगृह (तहखाना) में होने का दावा मंदिर पक्ष करता है। उस क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे नहीं हुआ है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है। इसके नीचे तलगृह में मौजूद हिस्से को भी दीवारों से बंद किया गया है।
पानी की टंकी के सर्वे को लेकर मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादी राखी सिंह ने हाई कोर्ट ने अपील दाखिल की है। वहीं, शिवलिंग की वैज्ञानिक विधि से जांच के लिए वादी महिलाएं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है।
एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिला था शिवलिंग
मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी व सुभाष नंदन चतुर्वेदी के अनुसार, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम स्थित नंदी के ठीक सामने लोहे की बैरिकेडिंग के अंदर 33 गुणे 33 फीट की पानी की टंकी है। इसकी दूरी नंदी जी से 83 फीट है। सभी कोनों से साढ़े सात फीट की दूरी पर कुएं की जगतनुमा आकृति है।एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान इसके ही बीच में शिवलिंग मिला था। ऊंचाई ढाई फीट व बेस पर चार फीट व्यास की गोलाकार काले पत्थर की आकृति है। इसके नीचे जमीन तक पहुंचना संभव नहीं है। तलगृहों के ऊपर फर्श की सतह पर मौजूद पानी की टंकी तक नीचे से जाना संभव नहीं है। नीचे से उस हिस्से को दीवारों से घेर दिया गया है।
पूरी संभावना है कि पानी की टंकी में नजर आने वाले शिवलिंग का आधार नीचे ही मौजूद है, जिसे दीवारों से घेर दिया गया है। इसमें से एक दीवार व्यासजी के तलगृह की उत्तर दिशा में है।
ज्ञानवापी के तलगृह में शिवलिंग का आधार होने का दावा
एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान इस दीवार से पानी टपकता नजर आया था। ज्ञानवापी के तलगृह के ऊपरी सतह पर मौजूद पानी की टंकी में मिला शिवलिंग काफी विशाल रहा होगा। इसका आधार तलगृह में ही मौजूद है जिसे दीवारों से घेरा गया है।
वाराणसी में तिल भांडेश्वर जैसे कई मंदिर हैं जिनमें विशाल शिवलिंग मौजूद हैं। उसी तरह से पानी की टंकी में मिला शिवलिंग भी होगा। मंदिर पक्ष के वकीलों का दावा है कि पानी की टंकी की जांच तल में और ऊपर की जाए तो मंदिर के साक्ष्य जरूर मिलेंगे।इसे भी पढ़ें: अयोध्या के लिए इन आठ शहरों से शुरू हुई सीधी हवाई सेवा, सीएम योगी ने स्पाइसजेट एयरलाइंस की उड़ानों को दिखाई हरी झंडी
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