Gyanvapi case: काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद पर 30 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई, तब तक जारी रहेगा ASI सर्वे
Gyanvapi Case सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में स्व.पं.सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक की ओर से दाखिल वाद को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील संबंधित मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता रवि पांडेय अदालत में उपस्थित हुए। अधिवक्ता रवि पांडेय ने आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Fri, 29 Sep 2023 03:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में स्व.पं.सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक की ओर से दाखिल वाद को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील संबंधित मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता रवि पांडेय अदालत में उपस्थित हुए। अधिवक्ता रवि पांडेय ने आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा।
जिला जज ने एक दिन का अवसर देते हुए सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तिथि नियत कर दी। गत 27 सितंबर को जिला जज ने पक्षकार काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया था। इस बीच, ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे जारी रहेगा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मस्जिद पक्ष की सर्वे रोकने की मांग के प्रार्थना पत्र को गुरुवार को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही सर्वे के दौरान मिलने वाले साक्ष्यों को संरक्षित करने के श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार वादिनी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए इस मामले में पूर्व दिए गए आदेश को ही लागू करने का आदेश दिया है।
मस्जिद पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सर्वे रोकने की मांग का प्रार्थना पत्र पोषणीय प्रतीत नहीं होता है। उल्लेखनीय है कि इस अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था। इससे खिलाफ प्रतिवादी (मस्जिद पक्ष) हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गया था और शुल्क न जमा करने समेत अन्य बात भी रखी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसलिए सर्वे की कार्रवाई रोकना न्यायसंगत नहीं है। सर्वे से संबंधित आदेश उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय का है इसलिए सत्र न्यायालय के लिए बाध्यकारी है जिसमें कोई परिवर्तन किया जाना संभव नहीं है।
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मस्जिद पक्ष ने कही थी शुल्क नहीं जमा करने की बात
ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे को रोकने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) की ओर से बीते नौ अगस्त को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसमें बताया गया था कि सर्वे के लिए मंदिर पक्ष की ओर से कोई शुल्क नहीं जमा किया गया है। जबकि नियम के मुताबिक उन्हें कमीशन की कार्यवाही शुरू होने के पहले उसमें होने वाले खर्च को जमा किया जाना चाहिए। सर्वे के लिए एएसआई को कोई रिट जारी नहीं की गई। इसके साथ ही उन्हें सर्वे की कार्यवाही के संबंध में कोई जानकारी लिखित रूप में नहीं दी गई थी। न्यायालय द्वारा आदेश के अनुपालन के संबंध में भी उन्हें अवगत नहीं कराया गया था। इसलिए सर्वे की कार्यवाही नियम के खिलाफ है और उसे रोकने के लिए आदेश देने की प्रार्थना किया था।यह भी पढ़ें: Gyanvapi Case: शृंगार गौरी मूल मुकदमे में आज आ सकता है बड़ा फैसला, सुनवाई के बाद अदालत ने सुरक्षित रखा था आदेश
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