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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट देने की मांग पर आज आएगा फैसला, मस्जिद पक्ष ने की थी आपत्ति

Gyanvapi Case ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट वादी महिलाओं और उनके वकील को देने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर अदालत बुधवार को आदेश दे सकती है। इस मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश के लिए तीन जनवरी की तारीख तय की थी।

By devendra nath singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 03 Jan 2024 08:16 AM (IST)
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ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट देने की मंदिर पक्ष की मांग पर आज आएगा फैसला, मस्जिद पक्ष ने की थी आपत्ति
विधि संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट वादी महिलाओं और उनके वकील को देने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर अदालत बुधवार को आदेश दे सकती है। इस मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश के लिए तीन जनवरी की तारीख तय की थी।

एएसआइ ने ज्ञानवापी में चार अगस्त से दो नवंबर तक चले सर्वे की रिपोर्ट अदालत में 18 दिसंबर को दाखिल की थी। शृंगार गौरी मुकदमे की तीन वादी महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास की ओर से उनके वकीलों सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट ई-मेल के जरिये देने की मांग की।

सर्वे रिपोर्ट किसी को नहीं दी जाने की मांग

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग की गई। अगली सुनवाई पर मस्जिद पक्ष की ओर से एक और प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें कहा गया कि सर्वे रिपोर्ट किसी को भी नहीं दी जानी चाहिए। मगर अदालत मंदिर पक्ष के वकीलों को रिपोर्ट देने निर्णय करती है तो अंजुमन इंतेजामिया के वकील एखलाक अहमद को भी उपलब्ध कराई जाए।

ज्ञानवापी स्थित व्यास जी का तहखाना जिलाधिकारी को सौंपने की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे में पक्षकार बनने की स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ पक्ष के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की अपील पर भी बुधवार को आदेश आ सकता है। जिला जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा है।

पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से दाखिल मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए वकील विजय शंकर रस्तोगी ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था।

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