Gyanvapi Case: तहखानों की बंद दीवारों के पीछे भगवान आदि विश्वेश्वर मंदिर के सुबूत, ASI की रिपोर्ट रोज खोल रही नए राज
Gyanvapi Case News मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी सुभाषनंदन चतुर्वेदी दीपक सिंह के अनुसार धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि ज्ञानवापी में आदिविश्वेश्वर मंदिर अष्टकोणीय है। इसके मध्य में गर्भगृह स्थित था। मंदिर ध्वस्त करने के बाद इसके ऊपर ही वर्तमान इमारत को बनाया गया है। इमारत के नीचे बड़े हिस्से को दीवार ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है।
जागरण संवददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी का मुकदमा लड़ रहा मंदिर पक्ष परिसर स्थित तहखाने को बेहद अहम मानता है। उसके मुताबिक तहखानों में बंद दीवारों के पीछे भगवान आदि विश्वेश्वर मंदिर होने के सुबूत मौजूद हैं। इसके साथ ही ढेरों महत्वपूर्ण साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने साक्ष्यों के नष्ट होने की आशंका भी जताई है। इसलिए व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ की मांग के साथ उसे जिलाधिकारी के अभिरक्षा में देने की मांग भी किया था।
ईंट-पत्थर से बंद की गई इमारतमंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाषनंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह के अनुसार धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि ज्ञानवापी में आदिविश्वेश्वर मंदिर अष्टकोणीय है। इसके मध्य में गर्भगृह स्थित था। मंदिर ध्वस्त करने के बाद इसके ऊपर ही वर्तमान इमारत को बनाया गया है। इमारत के नीचे बड़े हिस्से को दीवार, ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है।
कई जगहों पर इमारत की फर्श खोखली
ज्ञानवापी के कुछ हिस्सों की जांच तो हुई है लेकिन कई बंद तहखाने की जांच अभी बाकी है। एएसआइ ने अपनी रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया है। बताया है कि इमारत के नीचे काफी मलबा भरा हुआ है और कई जगहों पर इमारत की फर्श खोखली लगती है। मई 2022 में ज्ञानवापी में हुए एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान वर्तमान इमारत के मुख्य शिखर के नीचे हाल के फर्श के जांच की गई तो नीचे से ऐसी आवाज आ रही थी जैसे नीचे खोखला हो।
तहखाने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के कब्जे मेंउस वक्त भी मंदिर पक्ष ने उसके नीचे अव्यवस्थित मलबा होने की बात कही थी। ज्ञानवापी परिसर के पूरब दिशा के आधे हिस्से में तहखाने हैं लेकिन आधा हिस्सा दीवारों से बंद किया गया है। उत्तर की ओर के तहखाने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के कब्जे में हैं। इनके कुछ हिस्से तक जाने का रास्ता है और उसके बाद दीवार खड़ी कर दी गई है।
व्यास जी के तहखाने का दरवाजा हटा दिया गयाइसी तरह दक्षिण दिशा में स्थित व्यास जी के तहखाने में भी आगे दीवार खड़ी करके आगे बढ़ने के रास्ते को अवरूद्ध किया गया। मंदिर पक्ष का मानना है कि इन दीवारों के पीछे ही सदियों पुराने भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर का गर्भगृह और ढेरों साक्ष्य मौजूद हैं। तहखाने में आने-जाने वाले इनको नष्ट कर सकते हैं। शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से दाखिल मुकदमे में इसका जिक्र भी किया है कि व्यास जी के तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया है।
जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र लंबितहिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री वहां मौजूद हैं। मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग के मुकदमे में वर्ष 2022 में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के बाद मंदिर पक्ष ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर इन दीवारों को हटाकर भी कमीशन की कार्यवाही करने का आदेश देने की मांग की है। जिला जज की अदालत में यह प्रार्थना पत्र लंबित है।
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