Gyanvapi Case: तहखाने पर DM के कब्जे पर मस्जिद पक्ष ने जताई आपत्ति, पेश की ये दलील; अब कल होगी सुनवाई
Gyanvapi Case News ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने का अधिकार जिलाधिकारी को सौंपने समेत अन्य मांगों को लेकर शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से दाखिल मुकदमे के स्थानांतरण प्रार्थना पत्र पर जिला जज की अदालत में सुनवाई बुधवार को हुई। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने इस पर आपत्ति की है। जिला जज ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि तय की है।
वाराणसी संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने का अधिकार जिलाधिकारी को सौंपने समेत अन्य मांगों को लेकर शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से दाखिल मुकदमे के स्थानांतरण प्रार्थना पत्र पर जिला जज की अदालत में सुनवाई बुधवार को हुई।
इसमें जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने प्रतिवादी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने इस पर आपत्ति की है। जिला जज ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि तय की है।
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स्थानांतरण प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान मंदिर व मस्जिद पक्ष ने अपना पक्ष रखा। मंदिर पक्ष की ओर से वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह का कहना था कि ज्ञानवापी के अन्य मामलों की सुनवाई जिला जज की अदालत में हो रही है, इसलिए सिविल जज सीनियर डिविजन नितेश कुमार सिन्हा की अदालत में दाखिल शैलेंद्र पाठक के मुकदमे की सुनवाई भी इसी अदालत में होनी चाहिए।
सत्र न्यायालय अपीलीय या रिवीजन का क्षेत्राधिकार रखती है।
वहीं इस मुकदमे की प्रकृति भी अन्य की तरह ही है। इस पर मस्जिद पक्ष की ओर से वकील मुमताज अहमद, एखलाक अहमद व तौहीद खान ने आपत्ति जताई। दलील दी कि सिविल प्रक्रिया संहिता में स्थानांतरण करने का प्राविधान है व उसी न्यायालय के क्षेत्राधिकार के समकक्ष न्यायालय में ही स्थानांतरण हो सकता है। सत्र न्यायालय अपीलीय या रिवीजन का क्षेत्राधिकार रखती है।
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अगर मुकदमा स्थानांतरित होकर जिला जज की अदालत में आ जाता है उस स्थित में किसी आदेश के खिलाफ रिवीजन हाईकोर्ट में दाखिल होगा। इस मामले की सुनवाई अभी सिविल जज सीनियर डिवीजन के समक्ष नहीं हुई है। इस आधार पर स्थानांतरण नहीं हो सकता है।