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Gyanvapi Case: 'व्यास जी के तहखाने' में 30 साल बाद हुई पूजा, पुजारी ने की मंगल आरती; देखें VIDEO

Gyanvapi Case ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार व्यास जी के तहखाने में सालों बाद मंगल आरती हुई। कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में सालों बाद पूजा की गई। करीब 30 साल के बाद व्यास जी के तहखाने में पुजारी ने पूजा-अर्चना की है। इसका वीडियो भी सामने आ गया है।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Thu, 01 Feb 2024 03:42 PM (IST)
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'व्यास जी के तहखाने' में 30 साल बाद हुई पूजा, पुजारी ने की मंगल आरती

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में सालों बाद पूजा की गई। करीब 30 साल के बाद व्यास जी के तहखाने में पुजारी ने पूजा-अर्चना की है। इसका वीडियो भी सामने आ गया है और इसके साथ ही ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इसकी पुष्टि की है।

— Dainik Jagran (@JagranNews) February 1, 2024

इस मामले में जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि वादी पक्ष के वकील ने तर्क दिया था कि अदालत ने इसी मुकदमे में जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाना का रिसीवर नियुक्त किया है। जबकि इसी मुकदमे में पूजा-पाठ की मांग भी वादी की ओर से की गई थी। उनके इस तर्क से मैं सहमत हूं।

1993 के बाद लगाया प्रवेश पर रोक

वादी ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया था कि मंदिर भवन के दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसंबर 1993 के बाद पुजारी व्यास जी को उक्त प्रांगण के बैरिकेड वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इस कारण तहखाने में होने वाला राग-भोग आदि रुक गया। इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी ब्रिटिश शासन काल में भी वहां काबिज थे। उन्होंने दिसंबर 1993 तक वहां पूजा-अर्चना की है। बाद में तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया।

अंदर मिली थी हिंदू धर्म की पूजा सामग्री और मूर्तियां

हिंदू पक्ष की ओर से दिए गए तर्क में साफ कहा गया था कि ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री, प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उक्त तहखाने में मौजूद हैं। मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी चाहिए। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर पूजा रोक दी। बीते 17 जनवरी को अदालत ने जिलाधिकारी को तहखाने का रिसीवर नियुक्त कर दिया लेकिन तहखाना में पूजा-अर्चना संबंधी कोई आदेश पारित नहीं किया।

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