Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में गुंबद के नीचे मिले मंदिर जैसे शिखर, इन पर बनी हैं फूल-पत्ती और कमल की आकृतियां
Gyanvapi Case Update ज्ञानवापी में सर्वे कर रही एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने चौथे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे से मलबा हटाने का काम शुरू कराया और एग्जास्ट लगवाए। कमरे पैमाइश की और दीवारों की थ्रीडी फोटोग्राफी स्कैनिंग करवाई। कमरे से मंदिर जैसे मिलते-जुलते अवशेषों के मिलने का सिलसिला जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sun, 06 Aug 2023 08:41 PM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी में सर्वे कर रही एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने चौथे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे से मलबा हटाने का काम शुरू कराया और एग्जास्ट लगवाए। कमरे पैमाइश की और दीवारों की थ्रीडी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करवाई।
कमरे से मंदिर जैसे मिलते-जुलते अवशेषों के मिलने का सिलसिला जारी है। दीवारों पर बनी आकृतियों की बनावट, उनके आकार आदि के नोट्स बनाए। कानपुर आइआइटी के दो जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) विशेषज्ञ भी सर्वे टीम के साथ थे।
बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में जीपीआर सर्वे शुरू हो सकता है। एएसआइ के विशेषज्ञों ने तीनों गुंबदों की जांच भी की। उन्हें गुंबदों के नीचे मंदिर के शिखर जैसे ढांचे मिले, जिन पर फूल, पत्तियां, कमल के फूल आदि की स्पष्ट आकृतियां हैं। पश्चिमी दीवार और दक्षिण दिशा में बाहरी हिस्से की जमीन की जांच भी की।
चार हिस्सों में बंटकर टीम कर रही जांच
सर्वे टीम ने सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश किया। चार टीमों में बंटकर पहले से तय स्थानों पर जांच शुरू की। मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि एक टीम पश्चिमी दीवार की जांच में जुट गई और दूसरी ने व्यास जी के कमरे में प्रवेश किया। एक टीम उस हाल में पहुंची, जहां नमाज होती है।
हाल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक ताखे मिले हैं। इनकी संरचना और उनके आसपास उभरे चिह्नों की थ्रीडी मैपिंग भी हुई। मंदिर पक्ष ने कहा कि गुंबद के पूरा सर्वे होने में अभी समय लगेगा, मगर छत की डिजाइन ने हमारा उत्साह बढ़ाया है।
दस सदस्यीय टीम कमरे से लगी सीढ़ी से होकर उत्तर दिशा में स्थित गुंबद में दाखिल हुई। अंदर से ऊपरी गुबंद के नीचे एक शंकुकार शिखरनुमा आकृति दिखी। शिखर से गुंबद की ऊंचाई करीब छह फुट है। सर्वे टीम ने शिखर की लंबाई, चौड़ाई को नापा। शिखर का व्यास काफी बड़ा है और उसकी नाप डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) के जरिए की गई। मुख्य गुंबद के नीचे भी शंकुकार शिखरनुमा ढांचा बना हुआ है और उसके चारों ओर पतला गलियारा है।
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