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Gyanvapi Masjid : वाराणसी विकास प्राधिकरण के ड्राफ्टमैन तैयार कर रहे हैं मस्जिद के सर्वे का नक्शा

Gyanvapi Masjid Latest Updates वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का मानचित्र तैयार करने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के दो ड्राफ्टमैन को दी गयी है। उनकी ओर से मानचित्र प्राप्त नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट का अहम हिस्सा है। यह रिपोर्ट का अहम हिस्सा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Wed, 18 May 2022 12:05 PM (IST)
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वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के दो ड्राफ्टमैन को दी गयी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : Gyanvapi Masjid Survey Map एडवोकेट कमिश्नर की ओर से ज्ञानवापी परिसर में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत ने 17 मई की तिथि तय की थी। रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाने का हवाला देते हुए स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने प्रार्थना पत्र देते हुए अदालत से दो दिन की मोहलत मांगी थी। इसमें उन्होंने बताया कि 14 मई से 16 मई की सुबह दस बजकर दस मिनट तक कार्यवाही की गयी। इस दौरान शृंगार गौरी व मस्जिद का सर्वे किया गया। विवादित स्थल बड़ा है और सभी बिंदुओं पर ध्यान देना है, ऐसे में रिपोर्ट तैयार करने में वक्त लग सकता है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए उन्होंने दो दिन का समय मांगा। अदालत को बताया कि पूरे परिसर का मानचित्र तैयार करने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के दो ड्राफ्टमैन को दी गयी है। उनकी ओर से मानचित्र प्राप्त नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट का अहम हिस्सा है। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत दी।

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट के लिए कोर्ट ने बढ़ाया 48 घंटे का समय

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर को कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत ने 48 घंटे का और समय दिया है। मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए यह मोहलत दी। वहीं पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं कर पाने पर अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर के पद से हटा दिया गया। अब रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी विशाल सिंह को दी गई है।

इसी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखानों में रखे मलबे व कमरानुमा संरचना की दीवार हटा कर सर्वे की मांग की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से दायर प्रार्थना पत्र, जिसमें उन्होंने सील किए गए वजूखाने में मौजूद मछलियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग की है, पर भी सुनवाई बुधवार यानी 18 मई को होगी।

विशाल सिंह ने अजय मिश्रा पर लगाया असहयोग का आरोप

सुनवाई के दौरान ही विशाल सिंह ने आरोप लगाया कि अजय कुमार मिश्र और अजय प्रताप सिंह ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान पूरी तरह से सहयोग नहीं किया। अजय कुमार मिश्र रुचि नहीं ले रहे थे। इसलिए अदालत यह स्पष्ट करे कि रिपोर्ट कौन दाखिल करेगा? मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने भी आरोप लगाया कि एडवोकेट कमिश्नर के साथ आए फोटोग्राफर आरपी सिंह ने कार्यवाही की जानकारी मीडिया और पब्लिक तक पहुंचाई, जबकि अदालत ने किसी भी तरह का बयान देने के लिए सबको मना किया था। इसे गंभीरता से लेते हुए सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को उनके पद से हटा दिया।

तहखाना का मलबा और दीवार हटा कर सर्वे की मांग

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में जहां शिवलिंग मिला है, उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद कर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है, उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढंकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दीवार पर दरवाजे को ईंट-पत्थर सीमेंट से बंद कर दिया गया है। उन्होंने मांग की कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवङ्क्षलग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए।

सील वजूखाना, हौज की मछली पर आज होगी सुनवाई

जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना कोर्ट को दिया कि सर्वे की कार्यवाही के दौरान विवादित स्थल और नौ जालीदार दरवाजों को सील करके चाबी कोषागार में जमा कर दी गयी है। जिस परिसर को सील किया गया है, उसके अंदर निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है जिसमें कुछ मछलियां हैं। परिसर सील होने के कारण मछलियों के जीवन पर संकट आ गया है।

ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही सील किए गए क्षेत्र में चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगा है। इसका उपयोग नमाजी वजू करने के लिए करते हैं। पाइप लाइन को सील क्षेत्र से अलग करना जरूरी है। यहां मौजूद शौचालय में प्रवेश के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं है। इन बिंदुओं पर एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट प्राप्त करके आदेश जारी किया जाए। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि तय की है। इस बीच वाराणसी में वकीलों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। शासन के विशेष सचिव द्वारा अधिवक्ताओं के प्रति आपत्तिजनक संबोधन के प्रतिवाद में बनारस बार एसोसिएशन ने बुधवार को पूरे दिन न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से बुधवार की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है।

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