ज्ञानवापी में अतिरिक्त सर्वे की अपील पर फिर से सुनवाई शुरू
ज्ञानवापी मस्जिद में अतिरिक्त सर्वेक्षण की मांग को लेकर वाराणसी की अदालत में फिर से सुनवाई शुरू हो गई है। स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से 1991 में दायर मुकदमे में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने एएसआई से अतिरिक्त सर्वे कराने की मांग की है। अदालत ने सुनवाई को जारी रखते हुए अगली तारीख 6 सितंबर तय की है।
विधि संवाददाता,वाराणसी। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से स्व. पं. सोमनाथ व्यास एवं अन्य द्वारा 1991 में दाखिल मुकदमे में एएसआइ से अतिरिक्त सर्वे कराने संबंधी वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को फिर से सुनवाई शुरू की गई।
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत के पीठासीन अधिकारी रहे प्रशांत कुमार सिंह का कैराना जिला न्यायालय स्थानांतरण होने और नए पीठासीन अधिकारी युगुल शंभू की नियुक्ति होने के कारण वाद मित्र के प्रार्थना पत्र पर फिर से सुनवाई शुरू हुई है।
न्यायिक अधिकारी युगुल शंभू अब तक अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अदालत के पीठासीन अधिकारी थे। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अदालत के समक्ष फिर से अपना पक्ष रखा।
उन्होंने मां शृंगार गौरी एवं अन्य देवी देवताओं के दर्शन-पूजन का अधिकार देने को लेकर राखी सिंह समेत पांच महिलाओं के लंबित मुकदमे में एएसआइ की ओर से दाखिल रिपोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए अतिरिक्त सर्वे कराने की आवश्यकता पर बल दिया। वादमित्र ने ज्ञानवापी स्थित शिवलिंग, कूप, दृश्य-अदृश्य मूर्तियों, स्थलों की महत्ता से अदालत को अवगत कराया।
दो साल पहले कमीशन कार्रवाई के दौरान परिसर में मिले शिवलिंग का एएसआइ द्वारा सर्वे नहीं करने का भी मुद्दा उठाया। मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे के भाग का भी सर्वे नहीं कराए जाने की बात कही।
इस दौरान अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप पांडेय ने भी ज्ञानवापी से जुड़े अन्य धार्मिक स्थानों के बारे में जानकारी दी। अदालत ने सुनवाई को जारी रखते हुए छह सितंबर की तिथि तय कर दी।
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