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Gynavapi-Shringar Gauri Case: महिला याचिकाकर्ताओं के वकील को फैसला अपने पक्ष में आने की उम्मीद

Gynavapi-Shringar Gauri Case पांच महिला याचिकर्ताओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। इस केस में मस्जिद कमेटी की तरफ से 1991 के प्लेस आफ वरशिप एक्ट का हवाला दिया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:44 PM (IST)
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Gynavapi Masjid And Shringar Gauri Case of Varanasi
वाराणसी, जेएनएन। Gynavapi-Shringar Gauri Case: करीब साल भर पहले ज्ञानवापी मस्जिद में श्रृंगार-गौरी की पूजा के लिए दायर की गई याचिका पर आज दोपहर तक फैसला आने के इंतजार के बीच इस केस में पांच महिला याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी उम्मीद को बताया है।

ज्ञानवापी केस में श्रृंगार-गौरी की पूजा की मांग करने वाले पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain) को उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा। पांच महिला याचिकर्ताओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। इस केस में मस्जिद कमेटी की तरफ से 1991 के प्लेस आफ वरशिप एक्ट का हवाला दिया गया।

जैन ने कहा कि इस केस में हमने बहुत वैज्ञानिक तौर पर अपने तर्क कोर्ट में रखे हैं। हम कह रहे हैं कि 1993 तक ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में व्यास जी पूजा कर रहे थे। हमारा केस बहुत मजबूत है। अगर आज हम केस जीते तो हम वजू खाने का आगे सर्वे कराकर कार्बन डेटिंग कराने की मांग करेंगे।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं। इसी कारण आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव यह होगा कि यह केस आगे बढ़ेगा।

हाई कोर्ट की शरण में जाएंगे

वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी पक्ष के वकील ने मिराजुद्दीन ने आदेश से पहले कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम हाईकोर्ट रुख करेंगे। हिन्दू पक्ष अपना कहना कहे। हम लोग इत्मीनान से हैं और हमें भरोसा है। हमारे हक में फैसला आएगा।

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में कब और क्या हुआ

  • 18 अगस्त, 2021: सालभर श्रृंगार गौरी पूजा की अनुमति मांगी गई
  • वाराणसी अदालत में 8 महीने तक चली सुनवाई
  • 26 अप्रैल, 2022: अजय मिश्रा कोर्ट कमिश्नर बने, मस्जिद में सर्वे का आदेश
  • मिश्रा से छह से आठ तक सर्वे करके 10 मई तक रिपोर्ट मांगी
  • 6 मई, 2022: मस्जिद के सर्वे का काम शुरू
  • सर्वे के दौरान पांचों याचिकाकर्ता और मस्जिद पक्ष के लोग मौजूद
  • 7 मई, 2022: मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठाती मस्जिद पक्ष की याचिका दायर
  • 12 मई, 2022: अदालत का मिश्रा को हटाने से इनकार, सर्वे के दो और कमिश्नर बनाए
  • 14 मई, 2022: सर्वे कमिश्नरों ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू किया
  • 16 मई, 2022: हिंदू पक्ष का मस्जिद के वज़ूखाने में शिवलिंग होने का दावा
  • मुस्लिम पक्ष ने कहा शिवलिंग नहीं फ़व्वारा है
  • 16 मई, 2022: वज़ूख़ाने को सील करने का आदेश दिया गया
  • 17 मई, 2022: एक कोर्ट कमिश्नर दूसरे पर जानकारी लीक करने का आरोप
  • विशाल सिंह के आरोप पर कोर्ट ने अजय मिश्रा को आयोग से हटाया
  • 19 मई, 2022: कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट को सौंप
  • 19 मई, 2022: मस्जिद कमेटी की श्रृंगार गौरी पूजा याचिका की सुनवाई पर रोक की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट का वाराणसी कोर्ट को 20 मई तक याचिका पर सुनवाई टालने का आदेश
  • 20 मई, 2022: याचिका सुनने लायक है या नहीं स्ष्ट ने वाराणसी जिला जज से ये तय करने को कहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को आठ हफ्ते में सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए
  • हिंदू पक्ष ने मस्जिद पक्ष की दलीलों को झूठ बताया
  • 24 अगस्त, 2022: वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई
  • अदालत ने 12 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रखा
  • आज कोर्ट तय करेगा कि इस मामले में याचिका पर सुनवाई हो या नहीं
मंदिर पक्ष ने यह साबित करने की कोशिश की है कि मुकदमा सुनने योग्य है। वहीं, मस्जिद पक्ष ने भी इसे स्थानीय अदालत में सुनने योग्य नहीं बताने का प्रयास किया है। पूरे प्रकरण की क्रोनोलाजी, मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष की प्रमुख दलीलें, मंदिर पक्ष के प्रार्थना पत्र की प्रमुख बातें सुनने के बाद अदालत की ओर से 12 सितंबर की तिथि मुकर्रर की गई थी। उम्‍मीद है कि दोपहर तक इस मामले में अदालत अपना फैसला सुना सकती है।  

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