Gyanvapi case: ज्ञानवापी से जुड़े तीन मामले में हुई सुनवाई, अखिलेश-ओवैसी मामले में मिली नई तारीख
varanasi Gyanvapi case ज्ञानवापी को लेकर नंदी जी महाराज विराजमान की ओर से जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत में हुई। इसमें मस्जिद पक्ष की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी में यथा स्थिति बनाने का आदेश दिया है। लिहाजा वहां कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।
विधि संवाददाता, जागरण वाराणसी। ज्ञानवापी से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों की आज विभिन्न अदालतों में सुनवाई हुई। परिसर में मिले शिवलिंग को लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी व सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत अन्य की बयानबाजी और ज्ञानवापी स्थित तालाब में गंदगी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) के वकील ने बयान को हेट स्पीच मानने से इन्कार किया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि पांच अगस्त तय की है।
ओवैसी के वकील एहतेशाम आब्दी ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही में पुनरीक्षण के याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय सदस्य नहीं थे। कमीशन के दौरान ज्ञानवापी में मिली आकृति की पुष्टि होनी बाकी है।
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याचिकाकर्ता ने अपने प्रार्थना पत्र में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया है कि ओवैसी का बयान हेट स्पीच की श्रेणी में आता हो। अखिलेश यादव के वकील अनुज यादव ने दलील दी कि याचिका में कोई जिक्र नहीं है कि अखिलेश ने धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया हो।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के पदाधिकारियों की ओर वकील श्रीनाथ त्रिपाठी की दलील थी कि अभी यह विधिक रूप से तय होना है कि ज्ञानवापी में वहां क्या है? शासकीय अधिवक्ता अपर्णा पाठक का कहना था कि याचिका को निरस्त करने का निचली अदालत का आदेश जायज है। याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय के पक्ष रखने के लिए समय मांगने पर अदालत ने अगली सुनवाई पांच अगस्त तय कर दी।
मस्जिद पक्ष ने कहा, कोई बदलाव न होअदालत ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि तय की है। ज्ञानवापी में पूजा-पाठ की मांग को लेकर दाखिल इस मुकदमे में बीते छह मार्च को प्रार्थना पत्र देकर व्यास जी के तलगृह की मरम्मत कराए जाने और तलगृह की छत पर नमाजियों के जाने पर रोक लगाने की मांग की है।जवाब दाखिल करने का मांगा समय ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार देने को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से स्व. पं. सोमनाथ व्यास, डा. रामरंग शर्मा व पं. हरिहर नाथ पांडेय द्वारा 1991 में दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में हुई।
इसे भी पढ़ें-चीन के नागरिकों ने हिमाचल और कर्नाटक के पते पर बनवाया था आधारइसमें पं. हरिहर नाथ पांडेय की बेटियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा व रेनू पांडेय ने मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की आपत्ति का जवाब दाखिल करने समय मांगा।
उनका कहना था कि उनके वकील का स्वास्थ्य ठीक न होने से अदालत में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। वहीं वादमित्र ने ज्ञानवापी में अतिरिक्त सर्वे की मांग के प्रार्थना पर सुनवाई की अपील की। अदालत ने दोनों की अपील स्वीकार करते हुए पांच अगस्त की तिथि सुनवाई के लिए तय की है।
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