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काशी विश्‍वनाथ मंदिर - ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर 18 मार्च को अब सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को लेकर लंबित मुकदमे में आज शुक्रवार को वाराणसी की अदालत में सुनवाई चल रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 07 Mar 2020 12:12 AM (IST)
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काशी विश्‍वनाथ मंदिर - ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर 18 मार्च को अब सुनवाई
वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित बाबा दरबार में पुरातत्‍व सर्वेक्षण को लेकर लंबित मुकदमे में आज शुक्रवार को वाराणसी की अदालत में सुनवाई हुई। वादी पक्ष की ओर से भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील की गई। हालांकि, इस मामले में एक बार फ‍िर सुनवाई टल गई मगर प्रकरण की चर्चा देश भर में होती रही। 

अदालत में सुनवाई के बाद ज्ञानवापी-विश्वनाथ मंदिर परिसर के विवाद को लेकर लंबित मुकदमे में अदालत ने अगली तारीख 18 मार्च मुकर्रर की है। मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन-फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी की अदालत में चल रही है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील पर वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के बहस को जारी रखते हुए उक्त तिथि मुकर्रर की। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका लंबित होने का हवाला देकर सुनवाई को स्थगित करने की सिविल जज से अपील की थी, लेकिन यह अपील खारिज हो गई।

शुक्रवार को बहस में ज्ञानवापी क्षेत्र और विश्वनाथ मंदिर की धार्मिक महत्ता का उल्लेख करते हुए दलील दी कि 15 वीं शताब्दी में मुगल बादशाह अकबर के कार्यकाल में राजा मान सिंह और राजा टोडरमल द्वारा मंदिर के पुनरोद्धार कराया था। बाद में औरंगजेब ने 1669 में इसे तोड़ने का फरफान जारी किया। मंदिर को तोड़ कर एक अंश पर ढांचा (ज्ञानवापी मस्जिद) खड़ा कर दिया गया। इस स्थान के पुरातात्विक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के साक्ष्य विद्यमान हैं।

वादी पक्ष ने मुकदमे की पूर्व में चली सुनवाई के दौरान दाखिल 23 फोटोग्राफ्स तथा अन्य दस्तावेजों से अदालत को अवगत कराया। रामजन्मभूमि मुकदमे में पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण कराये जाने के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश की प्रति अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी परिसर का धार्मिक स्वरुप तय कराने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा राडार तकनीक से सर्वेक्षण तथा खुदाई कराकर रिपोर्ट मंगाने की अपील की। वादी पक्ष की बहस विस्तृत चलने के कारण अदालत ने बहस जारी रखते हुए 18 मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी।

भाजपा नेता ने किया ट्वीट

भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने काशी विश्‍वनाथ मंदिर को लेकर ट्वीट किया है। उन्‍होंने लिखा है - 'काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की मुक्ति और बहाली हिंदू नवजागरण का एक बुनियादी हिस्सा है। मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय इस पर हमारे साथ हिंदुओं का सहयोग करेगा और मंदिर को बहाल करने में हमारी मदद करेगा।' 

भाजपा नेता के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में इस बात को लेकर काफी गहमागहमी बनी रही। लोगाें ने सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के पोस्‍ट को शेयर करते हुए काशी विश्‍वनाथ मंदिर प्रकरण के जल्‍द निस्‍तारण की मांग की।

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