Gyanvapi Case: आदि विश्वेश्वर की पूजा की मांग के वाद पर सुनवाई 28 अगस्त को, फास्ट ट्रैक कोर्ट में वाद ट्रांसफर
डा. एसके द्विवेदी व भूपेंद्र सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) शिखा यादव की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया कि सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बना कर पूजा करते हैं। सिविल जज (सीनियर डिविजन) शिखा यादव की कोर्ट से वाद को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत स्थानांतरित कर दिया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 25 Aug 2023 03:39 PM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी में बीते वर्ष एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए सावन माह में पूजा-अर्चना, राग-भोग समेत अन्य धार्मिक कार्य करने की अनुमति देने की मांग को लेकर शैलेंद्र योगीराज की ओर से दाखिल वाद की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत रिक्त होने के कारण टल गई।
सुनवाई की अगली तिथि 28 अगस्त नियत की गई है। बीते दो अगस्त को शैलेंद्र योगीराज की ओर से उनके वकील डा. एसके द्विवेदी व भूपेंद्र सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) शिखा यादव की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया कि सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बना कर पूजा करते हैं।
ज्ञानवापी में प्रकट शिवलिंग आदि विश्वेश्वर का पूजा अर्चन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए पूजा-अर्चना राग-भोग करने का अधिकार दिया जाए। सिविल जज (सीनियर डिविजन) शिखा यादव की कोर्ट से वाद को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत स्थानांतरित कर दिया गया है।
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