ज्ञानवापी मस्जिद मामले में किरन सिंह और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर सुनवाई टली
ज्ञानवापी मामले में अदालत में दो अलग अलग मामलों में हिंदू पक्ष की ओर से किरन सिंह और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर सुनवाई आज होने जा रही है। एक मांग में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग है तो दूसरे में शिवलिंग के पूजन की डिमांड है।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 07 Oct 2022 02:09 PM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। Gyanvapi Masijd case Varanasi 7 october 2022 : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को दो अलग अलग मामलों की अदालत में सुनवाई टल गई। दोपहर दो बजे के बाद तीन मामलों में अदालत को सुनवाई करना था। इसके पूर्व गुरुवार को नाटी इमली में भरत मिलाप का स्थानीय अवकाश होने की वजह से अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई थी। वहीं ज्ञानवापी परिसर के एएसआइ सर्वेक्षण और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की मांग को लेकर भी अदालत में सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी। वहीं पीठासीन अधिकारियों के न होने और अधिवक्ता श्रीधर शुक्ला के निधन के चलते ज्ञानवापी के तीन मामलों में सुनवाई टल गई।
पहले मामले में जहां वादी हिंदू पक्ष की किरन सिंह द्वारा पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने के मामले में जहां सुनवाई होनी थी वहीं दूसरे मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन और भोग को लेकर भी अदालत में सुनवाई होनी थी जो टल गई। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर जहां तीन नवंबर को सुनवाई होगी वहीं किरन सिंह के मामले में 11 अक्टूबर को अदालत सुनवाई करेगी। वहीं तीसरे मामले में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के मामले में प्रार्थना पत्र पर 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
किरन सिंह के प्रार्थना पत्र पर मामले में आज शुक्रवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी थी। विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई शुक्रवार की दोपहर बाद अदालत में होनी थी। इस बाबत सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर को मंदिर का हिस्सा बताते हुए हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की हिंदुओं द्वारा मांग की गई है।
वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार की दोपहर सुनवाई होनी थी जिसमें अब तीन नवंबर को सुनवाई होगी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजा -पाठ राग -भोग आरती करने को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी थी जो अदालत बंद होने से शुक्रवार तक के लिए टल गई। सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग भी की है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान वजू खाने से शिवलिंग बरामद किया गया था। जिसे मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया तो अदालत ने शिवलिंग मानते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वजूखाने को सील कर दिया था। जिसके पूजन और भोग के लिए हिंदू पक्ष की ओर से नियमित मांग की जा रही है। वहीं पूरे परिसर में हिंदू मंदिर के साक्ष्य मिलने के बाद से ही परिसर को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। लिहाजा दोनों ही मांगों के संदर्भ में अदालत में सुनवाई होनी थी।
तीनों मामलों में तीन अलग तिथियां : अधिवक्ता के निधन होने की वजह से तीनों मामलों में क्रमश: 11 अक्टूबर, 28 अक्टूबर और तीन नवंबर की तिथियां अदालत ने दी हैं। किरन सिंह के मामले में 11 अक्टूबर को अदालत सुनवाई करेगी। विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के मामले में प्रार्थना पत्र पर 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी। जबकि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर जहां तीन नवंबर को सुनवाई होगी।
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