वाराणसी में कहां तक पहुंचा रोपवे परियोजना का काम, कितना होगा किराया? पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
वाराणसी में रोपवे का पहला चरण अगले महीने पूरा होगा। कैंट विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर फसाड का काम जारी है। 15 में से 18 टावर तैयार हो चुके हैं जबकि स्विट्जरलैंड से विशेषज्ञ रोप पुलिंग का कार्य शुरू करेंगे। दिसंबर तक ट्रायल रन की योजना है। किराया ऑटो रिक्शा के समान रहेगा। दूसरे चरण में दशाश्वमेध प्लाजा स्टेशन के लिए 400 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे।
संग्राम सिंह, वाराणसी। देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना का पहला चरण अगले महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। कैंट, भारत माता मंदिर (विद्यापीठ) और रथयात्रा में रोपवे स्टेशन तैयार हो चुका है। फसाड से जुड़े कार्य हो रहे हैं। स्टेशन की दीवारों और फर्श पर चुनार का स्टोन लगाया जा रहा है। हर स्टेशन पर बड़े आकार में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का शिखर, त्रिशूल और डमरू लगेगा।
मुंबई के विशेषज्ञ इसकी डिजाइन की अंतिम रूप देने में जुटे हैं। 12 नवंबर से रोप पुलिंग की जानी थी, लेकिन देव दीपावली की वजह से प्रशासन की तरफ से कार्य टाल दिया गया। अब तीन दिन बाद यह कार्य शुरू होगा। 18 में 15 टावर इंस्टाल हो चुके हैं। करीब ढाई किलोमीटर रोप पुलिंग के लिए स्विट्जरलैंड से विशेषज्ञ बनारस पहुंच चुके हैं, वह फौरी सर्वे भी कर चुके हैं। रस्सी की खिंचाई सिर्फ दिन के उजाले में होगी।
प्रत्येक टावर पर पांच तरह का रोप
प्रत्येक टावर पर पांच तरह का रोप लगेगी। सबसे पहले एक मिलीमीटर (मोटी) फाइबर रोप को ड्रोन से पुल करेंगे, यह काफी पतली होगी। चूंकि बड़े ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी, इसलिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) छोटे ड्रोन का प्रयोग करेगा। ड्रोन रस्सी को टावर पर मौजूद विशेषज्ञ तक पहुंचाएगा।बारी-बारी से तीन मिमी., 12 मिमी., 26 मिमी. और 52 मिमी. मोटी रस्सी लगाई जाएगी। रोप को नियंत्रित करने के लिए भारत माता मंदिर रोपवे स्टेशन के सामने 70 मीटर लंबा प्लेटफार्म बनाया जाएगा। करीब 20 दिन में यह प्रक्रिया पूर्ण करने की कोशिश होगी।
विद्यापीठ स्टेशन की दीवारों पर चल रहा फसाड संबंधित कार्य। जागरण
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।20 दिसंबर तक ट्रायल रन का भी प्रयास
20 दिसंबर तक ट्रायल रन का भी प्रयास है। अब तक 96 मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला (केबल कार) आ चुके हैं। 52 गाेंडोला अगले माह आ जाएंगे। तीनों स्टेशनों पर 14 एलिवेटर (लिफ्ट) और 13 एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ी) लगाए जाएंगे। तीन टिकट काउंटर और पांच वेडिंग मशीनें लगाने के लिए स्टेशनों के अंदर जगह भी चिह्नित कर लिया गया है। विभाग की तरफ से किराया भी निर्धारित हो चुका है। प्रस्तावित दरें अनुमोदित करने के लिए फाइल राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी गई है। आटो रिक्शा जितना ही किराया रोपवे का रहेगा। कैंट से गोदौलिया तक सफर के लिए औसतन 60 रुपये किराया देना होगा, ऐसे ही दूरी के हिसाब से किराया की दरें निर्धारित की गई हैं।कहां कितने एलिवेटर, एस्केलेटर, काउंटर और वेंडिंग मशीन
स्टेशन | एलिवेटर | एस्केलेटर | काउंटर | वेंडिंग मशीन |
कैंट | 6 | 4 | 1 | 3 |
विद्यापीठ | 4 | 4 | 1 | 1 |
रथयात्रा | 4 | 5 | 1 | 1 |
कुल योग | 14 | 13 | 3 | 5 |