Move to Jagran APP

बर्निंग ट्रेन होने से बची हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस, पार्सल यान कोच के चक्कों में हो गई थी ब्रेक बाइंडिंग

यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने का रेलवे का दावा फिसड्डी साबित होता दिख रहा है। शुक्रवार को हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन होने से बाल बाल बच गई। पार्सल यान कोच के आगे व पीछे के चारों चक्कों में चंदौली के पास ब्रेक बाइंडिंग होने से धुआं निकलने लगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 07:06 PM (IST)
शुक्रवार को हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन होने से बाल बाल बच गई।

चंदौली, जेएनएन। यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने का रेलवे का दावा फिसड्डी साबित होता दिख रहा है। शुक्रवार को हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन होने से बाल बाल बच गई। पार्सल यान कोच के आगे व पीछे के चारों चक्कों में चंदौली के पास ब्रेक बाइंडिंग होने से धुआं निकलने लगा। जानकारी होते ही रेल प्रशासन में खलबली मच गई।

संयोग अच्छा रहा कि गेटमैन के इशारे पर गार्ड ने ट्रेन रूकवा दी। हालांकि ट्रेन की स्पीड 130 की होने के कारण उसे गंजख्वाजा स्टेशन पर रोका गया। लापरवाही की हद तो यह है कि गंजख्वाजा स्टेशन पर गड़बड़ी को दूर करने की बजाए पीडीडीयू जंक्शन पर लाया गया। यहां गड़बड़ी को दूर किया गया। इसके बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। घटना में कैरेज एंड वैगन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। ट्रेन को रवाना होने से पहले पूरी जांच की जाती है लेकिन चर्चा है कि कर्मचारी ऐसा नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि घटनाएं हो रही

हैं। जांच करने लिए टीम भी गठित कर दी गई।

अप 22308 हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन हावड़ा से चलकर बीकानेर जा रही थी। चंदौली के पास ब्रेक बाइंडिंग  होने के कारण पार्सल यान के आगे व पीछे के चारों चक्कों से धुआं निकलने लगा। 75 सीई के गेटमैन मित्तल कुमार ने गार्ड को आवाज देकर गड़बड़ी की सूचना दी। धनबाद मुख्यालय के गार्ड ए खान ने देखा तो कोच से धुआं निकल रहा था। 130 के स्पीड में होने के कारण ट्रेन को रोका नहीं जा सका। हालांकि ट्रेन को गंजख्वाजा स्टेशन के पास रोकर चेक किया गया। यहां गड़बड़ी को दूर किए बिना ही जंक्शन पर ट्रेन लेकर चालक पहुंच गया। सूचना मिलने पर यहां पहले से सीसीई सीडब्ल्यू अनिल कुमार, डिप्टी एसएस संतोष कुमार पांडेय एवं उपनिरीक्षक अमरजीत दास मौजूद थे। कर्मियों ने जांच के बाद सीनियर डीएमइ गौरव कुमार को सूचना दी गई।

आनन फानन में संबंधित विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और गड़बड़ी को दूर किया। इसके बाद ट्रेन 10.35 बजे आगे के लिए रवाना हुई।

96 घंटे या 3500 किमी की यात्रा पर होती है जांच

ट्रेनों के मेंटनेंस की जांच करने का जिम्मा कैरेज एंड वैगन विभाग की है। जांच के बाद ट्रेन के 96 घंटे बीत जाने या फिर 3500 किमी की दूरी तय करने पर पुन: जांच की जाती है। हावड़ा-बीकानेर ट्रेन की हावड़ा में ही जांच की

गई थी। अब सीधे बीकानेर में ही मेंटनेंस की जांच होनी थी। पूरे ट्रेन की जांच करने में लगभग छह घंटे का समय लग जाता है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.