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'ये लो अंडा और ऑमलेट बना दो', इतना कहने के बाद हुआ कुछ ऐसा... मौत के आगोश में समा गए पत‍ि-पत्नी

गोविंद के शराब पीने की आदत खुशबू से विवाद का कारण था। आए दिन विवाद होने से घर टूटने की राह पर पहुंच चुका था। एक पखवाड़ा पूर्व खुशबू की बड़ी बहन गीता ने दोनों को अपने घर बेनीपुर बुलाकर पंचायत कर विवाद को सुलझाने का प्रयास क‍िया था। पति-पत्नी के गिले-शिकवे दूर भी हो गए थे लेकिन फिर से विवाद से दोनों के जिंदगी का अंत हो गया।

By Rakesh SrivastavaEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 07:14 PM (IST)
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पति‍ ने पत्नी से अंडे का ऑमलेट बनाने के ल‍िए कहा था, लेक‍िन दोनों के बीच व‍िवाद हो गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाराणसी में बच्चे की पिटाई से उपजे क्रोध ने पति-पत्नी की जान ले ली। पति की डांट से गुस्साई पत्नी जान देने के लिए पंचक्रोशी रेलवे क्रासिंग की ओर भागी तो उसे बचाने पति भी दौड़ा पड़ा। रात में 8:35 बजे ट्रैक पर रफ्तार भर रही वाराणसी सिटी-बलिया पैसेंजर के बीच में महिला जा घुसी तो उसे बचाने में पति भी ट्रेन की चपेट में आ गया और दोनों की मौत हो गई। घटना की भनक लगते ही परिवार में कोहराम मच गया। सारनाथ पुलिस ने घटना को पारिवारिक विवाद का परिणाम बताते हुए दोनों शवों को मोर्चरी भेज दिया।

पत्नी से कहा- अंडे का आमलेट बना दो...  

पंचक्रोशी अंतर्गत चौहान बस्ती निवासी गोविंद सोनकर फल बेचने का काम करते थे। वह रात में आठ बजे दुकान से घर लौटे तो अंडा लिए थे। उन्होंने अपनी पत्नी खुशबू से ऑमलेट बनाने के लिए कहा। इससे नाराज खुशबू ऑमलेट बनाकर लाई तो जरूर, लेकिन उसे गोविंद के सामने फेंकते हुए द‍िया। गुस्से में उसने अपने एक साल के बेटे भोला की पिटाई कर दी। पत्नी की हरकतों से नाराज गोविंद ने विरोध जताया तो खुशबू जान देने को घर से 250 मीटर दूर पंचक्रोशी रेलवे क्रासिंग की ओर भागी। उसके आत्मघाती इरादे को भांप गोविंद भी पीछे से दौड़े, लेकिन कुछ कर पाते, खुशबू ने रफ्तार भर रही ट्रेन में बीच से घुस गई तो उसे बचाने में गोविंद भी चपेट में आ गया और दोनों की मौत हो गई। मृतका के भाई सुनील ने भी घटना के पीछे पारिवारिक विवाद बताया है। पुलिस चौकी प्रभारी मनोज कुमार सिंह मौके पर पहुंचे थे।

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खुशबू की बड़ी बहन ने घर बचाने को की थी पंचायत

सारनाथ थाना क्षेत्र के रमेरपुर के जेडी नगर निवासी खुशबू की शादी वर्ष 2018 में गोविंद के साथ हुई थी। गोविंद और उसके दो अन्य भाई बबलू और साहिल एक ही मकान में, लेकिन अलग-अलग रहते थे। मां की मौत पांच साल पूर्व हो चुकी है, जबकि पिता मटरू का तीनों भाइयों के सहारे जीना-खाना होता है। ग्रामीणों के मुताबिक, गोविंद के शराब पीने की आदत खुशबू से विवाद का कारण था। पति-पत्नी में आए दिन विवाद होने से घर टूटने की राह पर पहुंच चुका था। एक पखवाड़ा पूर्व खुशबू की बड़ी बहन गीता ने दोनों को अपने घर बेनीपुर बुलाकर पंचायत कर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया था। पति-पत्नी के गिले-शिकवे दूर भी हो गए थे, लेकिन फिर से विवाद से दोनों के जिंदगी का अंत हो गया।

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पलक झपकते ही अनाथ हो गए तीन मासूम

बुधवार को गोविंद के परिवार में सबकुछ ठीकठाक था। चार वर्ष की लाडो, तीन वर्ष की परी और एक वर्ष का गोपाल मां के साथ खेल रहे थे। बच्चों को शाम में गोविंद के दुकान से लौटने का इंतजार था। क्योंकि गोविंद लौटते तो रोजाना बच्चों के लिए कुछ न कुछ लेकर ही आते। लेकिन बच्चों की खुशियों को किसी की नजर लग गई कि एक झटके में उनके सिर से मां-पिता का साया उठ गया।

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