अन्नपूर्णा माता की मूर्ति काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में स्थापित, तस्वीरों में देखें पूरा आयोजन
कुष्मांडा मंदिर से साज- श्रृंगार करके आगे बाबा दरबार के लिए रवाना किया गया। इसके बाद प्रतिमा सोनारपुरा मदनपुरा जंगम बाड़ी तक हर हर महादेव और मैया के जयकारे के बीच अपने गंतव्य बाबा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने की ओर लगातार अग्रसर रही।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Mon, 15 Nov 2021 11:51 AM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। बहुप्रतीक्षित मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वाराणसी पहुंची तो सुबह आठ बजे प्रतिमा दुर्गाकुंड स्थित माता कुष्मांडा मंदिर पहुंची। यहां से साज- श्रृंगार करके आगे बाबा दरबार के लिए रवाना किया गया। इसके बाद प्रतिमा सोनारपुरा, मदनपुरा जंगम बाड़ी तक हर हर महादेव और मैया के जयकारे के बीच अपने गंतव्य बाबा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने की ओर लगातार अग्रसर रही।
मूर्ति सुबह नौ बजे जंगमबाड़ी मठ की ओर पहुंची तो हर हर महादेव के उद्घोष और अन्नपूर्णा माता की जय के नारों से चारों दिशाएं गूंज उठीं। लोगों ने पुष्पवर्षा की तो थोड़े ठहराव के बाद शोभायात्रा विश्वनाथ कारीडोर के लिए रवाना हो गई। छायाकार भैरव जायसवाल की तस्वीरों में देखें पूरा आयोजन -
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बाबा दरबार परिक्षेत्र में बन रहे कारीडोर के ईशान कोण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार के समक्ष अन्नपूर्णा मंदिर में मूर्ति की पुनर्स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में सम्मिलित हुए। श्रीकाशी विद्वत परिषद के दिशा निर्देश के अनुरूप ही काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में 11 सदस्यीय अर्चक दल सुबह से ही आयोजन की तैयारी में जुट गया।
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बाबा दरबार परिक्षेत्र में मूर्ति स्थापना के लिए सुबह नौ बजे ही तैयारियां पूरी कर ली गईं। बाबा दरबार में मुख्य आयोजन शुरू हुआ तो हर हर महादेव का उद्घोष गूंज उठा। बाबा दरबार में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त वीआइपी और वीवीआइपी लोग भी मौजूद रहे। बताते चलें कि प्रदेश के 18 जिलों से होकर यह मूर्ति सोमवार की सुबह दुर्गाकुंड में दुर्गा माता मंदिर पहुंची थी।
मूर्ति की शोभायात्रा दुर्गा मंदिर से बाबा दरबार के लिए निकली तो आयोजन के दौरान वेद मंत्रों से पूरा वातावरण सुबह से गुंजायमान हो गया।बाबा दरबार में अन्नपूर्णां के आगमन की खुशियां चहुंओर नजर आईं और लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मंत्रोच्चार के बीच माता की तय स्थान ईशान कोण में स्थापना हुई तो माहौल दिव्य नजर आने लगा।
अन्नपूर्णा की पूजा अर्चना के साथ उनकी प्राण प्रतिष्ठा भी वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा मंत्रोच्चार के बीच की गई। आयोजन के दौरान लोगों का उत्साह मूर्ति को नजर भर देखने का बना रहा। इस प्रकार 100 वर्षों से अधिक समय के बाद माता अन्नपूर्णा अपने घर बाबा दरबार परिक्षेत्र में वापस आईं तो समूची काशी उनके आगमन से निहाल नजर आई। इस प्रकार बाबा दरबार परिक्षेत्र और काशी विश्वनाथ कारीडोर में पहली मूर्ति की स्थापना उसके लोकार्पण के पूर्व हो गई। अब आगामी 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा दरबार परिक्षेत्र स्थित विश्वनाथ धाम कारीडोर का लोकार्पण करेंगे तो माता अन्नपूर्णा की यह मूर्ति भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए उपलब्ध होगी।
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