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तीन नहीं अब तो 30 हजार मंदिर लेंगे, जरूरत पड़ी तो ज्ञानवापी के लिए काशी में करेंगे संत सम्मेलन : डा. वेदांती

पूर्व भाजपा सांसद नेता डा. रामविलास वेदांती ने कहा कि देश की 90 प्रतिशत पुरानी मस्जिद कोई न कोई मंदिर तोड़ कर ही बनीं हैं। अब समय आ गया है कि हम तीन नहीं बल्कि 30 हजार मंदिरों को वापस लेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 07:41 PM (IST)
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पूर्व भाजपा सांसद नेता डा. रामविलास वेदांती ने कहा कि देश में 30 हजार मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाए गए।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पूर्व भाजपा सांसद नेता डा. रामविलास वेदांती ने कहा कि देश में 30 हजार मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाए गए। देश की 90 प्रतिशत पुरानी मस्जिद कोई न कोई मंदिर तोड़ कर ही बनीं हैं। अब समय आ गया है कि हम तीन नहीं बल्कि 30 हजार मंदिरों को वापस लेंगे।

रामविलास वेदांती शुक्रवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे। बताया कि 1984 में संतों और मुस्लिम धर्म गुरुओं आदि की बैठक हुई थी। उसमें हम सभी ने कहा था कि हमें अयोध्या में राम मंदिर, काशी में ज्ञानवापी और मथुरा में श्री कृष्ण भूमि को वापस दे दें। हम चौथा मंदिर नहीं मांगेंगे। मंचों से लगातार तीन मंदिर की मांग करते रहे। मुस्लिम समाज राजी नहीं हुआ। अंततोगत्वा 464 वर्षों के संघर्ष के बाद वह दिन आया जब राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि पूजन किया।

संस्कृत का ज्ञानवापी शब्द हिंदूपरक है। ज्ञानवापी कूप का निर्माण भगवान शंकर के त्रिशूल से होने का उल्लेख है। आज हम हिंदुओं का समय है लेकिन हमें ज्ञानवापी कूप आदि विशेश्वर शिवलिंग के लिए कानून और कोर्ट पर भरोसा है। कोर्ट जो फैसला करेगा हम उसका पालन करेंगे। मुसलमानों से आग्रह है कि जो स्वाभाविक रूप से मंदिर का हिस्सा है उसे हिंदुओं को सौंप दें। देश का हिंदू, इतिहासकार, नेता सभी जानते हैं कि ज्ञानवापी ही नहीं चारमीनार, कुतुबमीनार मंदिरों को तोड़कर बने हैं।

राम जन्म भूमि आंदोलन की तर्ज पर ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए मांग होगी

जरूरत पड़ी तो काशी में संत सम्मेलन होगा। राम जन्म भूमि आंदोलन की तर्ज पर ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए मांग होगी। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता भी अब समय की मांग है। उन्होंने ओवैसी और अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि दोनों पाकिस्तान के रास्ते चल रहे हैं। दोनों के बयान देश तोडऩे वाले हैं। उन पर देश द्रोह का मुकदमा हो।

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