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IIT BHU में बवाल: पीएम मोदी-सीएम योगी का पुतला फूंकने का ABVP ने किया विरोध, दो गुटों में जमकर चले लात-घूंसे

Varanasi News आइआइटी बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ छेड़खानी के बाद बाउंड्रीवाल बनाने के फैसले के विरोध में तीन दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के सामने आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। रविवार देर शाम बीएचयू और आइआइटी की उच्चस्तरीय बैठक में बाउंड्रीवाल नहीं बनाने का फैसला लिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 06 Nov 2023 08:01 AM (IST)
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IIT BHU में बवाल: पीएम मोदी-सीएम योगी का पुतला फूंकने का एबीवीपी ने किया विरोध
जागरण संवाददाता, वाराणसी। आइआइटी बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ छेड़खानी के बाद बाउंड्रीवाल बनाने के फैसले के विरोध में तीन दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के सामने आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। रविवार देर शाम बीएचयू और आइआइटी की उच्चस्तरीय बैठक में बाउंड्रीवाल नहीं बनाने का फैसला लिया गया।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और आइआइटी के निदेशक प्रो. पीके जैन ने कहा कि यह प्रस्ताव तर्कसंगत नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले रविवार दोपहर में बीएचयू के सिंहद्वार (मुख्य द्वार) पर प्रदर्शन के दौरान दो छात्र संगठनों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। पुलिस की उपस्थिति में जमकर लात-घूंसे चले।

छात्राओं ने एक-दूसरे के बाल और कपड़े खींचे। दो छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की सदस्य मेघा का हाथ और अदिति के पैर में फ्रैक्चर आया है। दोनों को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एक शोध छात्र को हिरासत में लिया है।

आल इंडिया स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, बीएचयू के कुलपति व महिला महाविद्यालय, बीएचयू की प्रिंसिपल का पुतला फूंकने की योजना बनाई थी। वे बीएचयू गेट पहुंचे तो विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मचारियों ने पुतला छीनने का प्रयास किया तो उनकी नोकझोंक हो गई। इस बीच एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ उनकी मारपीट शुरू हो गई।

एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य एवं बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि आइसा के लोग एबीवीपी, प्रधानमंत्री और संघ विरोधी नारे लगा रहे थे। इसका विरोध किया तो मारपीट करने लगे।

प्रकरण में घुसी राजनीति, रास्ते से भटक रहा मुद्दा

आइआइटी की छात्रा से छेड़खानी की घटना में दरअसल राजनीति का प्रवेश हो गया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मामले में एबीवीपी की संलिप्तता बता दी। एबीवीपी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद से एबीवीपी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बीच बयानबाजी शुरू हो गई। इस पूरे घटनाक्रम में छात्रा को इंसाफ मिलने का मुद्दा हाशिए पर चला गया है।

चांसलर गिरिधर मालवीय ने भी किया बाउंड्रीवाल का विरोध

बीएचयू के चांसलर व सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने भी आइआइटी के चारों ओर बाउंड्रीवाल बनाने की योजना को तर्कसंगत नहीं बताया था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इससे समस्या का समाधान हो जाएगा?

ऐसी घटना दूसरी जगह हुई तो क्या उसका निदान भी बाउंड्रीवाल बनाकर किया जाएगा। बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ गलत हरकत करने वालों के सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनानी चाहिए। बीएचयू के पूर्व कुलपति पंजाब सिंह ने भी कहा था कि आइआइटी और बीएचयू के बीच दीवार किसी को स्वीकार नहीं होगी।

वर्ष 2007-08 में उन्होंने ही अपने कार्यकाल में आइटी बीएचयू को आइआइटी का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उनका मानना था कि आइआइटी का दर्जा मिलने के बाद भी संस्थान बीएचयू का ही हिस्सा रहे। प्रशासन भी बीएचयू का रहेगा।

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