IIT BHU सात नए शोध केंद्रों पर आभासी रूप से कर रहा काम, कई नई तकनीक हो रही विकसित
देश में लगभग सभी विश्वविद्यालयों व तकनीकी संस्थानों में शोध कार्य चल रहे हैं और भविष्य में भी चलते रहेंगे लेकिन आइआइटी बीएचयू कुछ शोध नए अंदाज में कर रहा है।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Mon, 03 Feb 2020 06:20 PM (IST)
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। देश में लगभग सभी विश्वविद्यालयों व तकनीकी संस्थानों में शोध कार्य चल रहे हैं और भविष्य में भी चलते रहेंगे, लेकिन आइआइटी बीएचयू कुछ शोध नए अंदाज में कर रहा है। सात ऐसे शोध केंद्र बनाए गए हैं जहां पर आभासी रूप से शोध कार्य किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके परिणाम के आकलन के बाद इन शोधों को मूर्त रूप में लाया जाएगा, जो तकनीकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
आइआइटी बीएचयू संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सात नए शोध केंद्रों का खाका खींचा है। इनके लिए अभी कोई निश्चित भवन आवंटित नहीं किया गया है। ये विभिन्न विभागों में आभासी रूप से कार्य कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत सीढिय़ां चढऩे वाली व्हील चेयर हो या दीवारों को स्वच्छ रखने वाले वाल क्लाइबिंग रोबोट या फिर कृत्रिम हाथ (प्रोस्थेटिक हैंड) जैसी कई अत्याधुनिक मानवपयोगी तकनीक तैयार की गई हैं। अभी अन्य कई पर शोध-अनुसंधान चल रहा है।
उभरते क्षेत्रों पर फोकस
सात शोध केंद्रों के तहत मानव जीवन संबंधित कई उभरते हुए क्षेत्रों के लिहाज से नित नई तकनीक विकसित की जी रही है। इनमें इंटरनेट आफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आटोमेशन, रोबोटिक्स सहित थ्री डी प्रिंटिंग, हरित विनिर्माण, स्पेस एंड डिफेंस टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर एनर्जी, जैैविक उत्पाद व ऊतक इंजीनियंरिंग शामिल हैं।ये हैं सात शोध केंद्र
- सेंटर फार डिपेंडिबिलिटी इंजीनियरिंग (सीडीई)- सेंटर फार रिसर्च इन एआई एंड एप्लीकेशन- एडवांस सेंटर फार ग्रीन मैन्यूफैक्चरिंग-सेंटर फार इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल (इंडस्ट्रीज 4.0) - सेंटर फार प्लेनेटरी साइंस- सेंटर आफ एक्सीलेंस ऑन न्यूक्लियर एनर्जी फार फूड सिक्योरिटी एंड रूरल डेवलपमेंट- सेंटर फार एडवांस बायो-मैटेरियल एंड टिश्यू इंजीनियङ्क्षरग
रक्षा और स्पेस तकनीकइन सात केंद्रों में से एक सीडीई सेंटर में कंप्यूटर इंटरफेस तैयार किया जा रहा है। इससे मशीन व मानव श्रम को एक नेटवर्क में बांधा जाएगा जिससे समय व लागत में कमी एवं उत्पाद की गुणवत्ता में इजाफा होगा। वहीं इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल व प्लेनेटरी साइंस सेंटर के तहत आइओटी व रोबोटिक्स पर काम हो रहा है। इसका उपयोग रक्षा व स्पेस तकनीक सहित कृषि कार्यों में लिया जाएगा। इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल केंद्र को इंडस्ट्री 4.0 या चौथी औद्योगिक क्रांति भी बताया जा रहा है।
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