अतुल्य भारत ने बढ़ाया ब्रोकेड साड़ी का मान
वाराणसी : विभिन्न संस्कृतियों की संगम स्थली बनारस हथकरघा और हस्तशिल्प का प्रमुख केंद्र ह
वाराणसी : विभिन्न संस्कृतियों की संगम स्थली बनारस हथकरघा और हस्तशिल्प का प्रमुख केंद्र है। विश्व में बनारसी साड़ियों की पहचान किसी की मोहताज नहीं हैं। वहीं बनारसी ब्रोकेड साड़ियों की भी विशिष्ट पहचान रही है। प्राचीन काल से बनारस में हथकरघे पर साड़ी, ब्रोकेड व विभिन्न तरह के रेशमी एवं सूती वस्त्रों की बुनाई की परंपरा रही है। पहले यह विधि अकड़ा-मंडा, नाका-जाला-टाका विधि से तैयार की जाती थी। इसके द्वारा तैयार कपड़े आज भी पूरी दुनिया के लिए बिनकारी का उत्कृष्ट नमूना हैं। इसकी कद्र करते व इसका मान बढ़ाते हुए रविवार को अतुल्य भारत ने ट्विटर पर ब्रोकेड साड़ी पर पोस्टर शेयर करते हुए लिखा 'वाराणसी में ब्रोकेड बुनाई, विलक्षण पवित्र शहर में आपको विस्मृत कर देगा, ब्रोकेड इस क्षेत्र का एक विशेष कपड़ा है।' अतुल्य भारत के प्रयास ने जहां इस बेजोड़ कला को सम्मानित किया, वहीं इससे विश्व पटल पर बनारसी ब्रांड को और भी मजबूती मिली। पीलीकोठी निवासी बुनकर इशरत उस्मानी कहते हैं कि दुनियाभर में बनारस की बढ़ती साख यहां के बुनकरों की मेहनत व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही संभव हुआ है।