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वाराणसी में मानसून की बेरुखी: 30 साल का रिकॉर्ड टूटा, जुलाई में 25 प्रतिशत कम बारिश

केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय के अनुसार बुधवार सुबह आठ बजे राजघाट पर जलस्तर 24 घंटे में 28 सेंटीमीटर बढ़ाने के बाद स्थिर हो गया था। मंगलवार सुबह 63.74 मीटर पर रहा गंगा का जलस्तर बुधवार सुबह आठ बजे 64.02 मीटर पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें गिरावट आनी शुरू हुई और रात 10 बजे तक सात सेंटीमीटर घट कर 63.95 मीटर पर आ गया था।

By pramod kumar Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:38 PM (IST)
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सिंधिया घाट पर मंदिर में पानी के बीच शिवलिंग को नमन करता युवक l भैरव जायसवाल
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिले में मानसून की बेरुखी और बादलों की नाराजगी ने 30 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। जुलाई में महज 220 मिमी बारिश हुई, जो कि औसत से 25 प्रतिशत कम है। शहर के बाहर जमकर वर्षा होती रही, लेकिन घाट से लेकर मुख्य इलाका सूखा रह गया।

बादलों की यह बेरुखी शहरवासियों को चक्कर में डाल रही है, और हालात ऐसे हैं कि पूरी जुलाई में औसत से कम बरसात हुई है।

काशी को वर्ष भर में 600 मिलीमीटर (एमएम) वर्षा को औसत माना जाता है, लेकिन इस वर्ष वह औसत पर पहुंचना मुश्किल दिख रहा है। जुलाई में तीस साल से औसतन 300 मिमी से अधिक बारिश हुई लेकिन इस साल 2024 में महज 220 मिमी बारिश हुई है।

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घाटों को जलाजल कर घटने लगीं गंगा

घाटों को जलाजल करने के बाद गंगा के जलस्तर में अब घटाव शुरू हो गया है। बुधवार को सुबह आठ से रात 10 बजे तक 14 घंटे में हालांकि महज सात सेंटीमीटर की कमी आई थी, लेकिन इसके बाद जलस्तर में प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि नरौरा बैराज से छोड़ा गया पानी गुरुवार रात तक आने की संभावना जताई जा रही है। इससे गजल स्तर एक बार फिर बढ़ सकता है।

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