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महंगाई की मार से मिर्च हुआ और 'भी लाल', नई फसल आने पर हालात सामान्य होने की उम्मीद

अब महंगाई ने मिर्च को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रति किलो एक-दो नहीं पूरे 70 रुपये किलो की उछाल आई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Mon, 16 Dec 2019 12:05 PM (IST)
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महंगाई की मार से मिर्च हुआ और 'भी लाल', नई फसल आने पर हालात सामान्य होने की उम्मीद
वाराणसी, जेएनएन। अब महंगाई ने मिर्च को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रति किलो एक-दो नहीं, पूरे 70 रुपये किलो की उछाल आई है। ग्राहक  220 रुपये किलो का भाव सुन परेशान हो उठ रहे हैं। लाजिमी कि मिर्च के बगैर जायकेदार सब्जी एवं दाल तड़का की उम्मीद नहीं की जा सकती। कई अन्य जिंसों के महंगाई की चपेट में होने से गृहणियां किचन में घुटन महसूस करने लगीं हैं।

पैदावार में कमी बन रही परेशानी का सबब

पूर्वांचल की मंडी में मिर्च बनारस से पहुंचती है जबकि बनारस की जरूरतें आंध्र प्रदेश पूरी करता है। गुंटूर एवं खम्मम के किसान मिर्च की खेती करते हैं। अबकी पैदावार कम होने से महंगाई की मुश्किल ने मिर्च को अपनी चपेट में ले लिया है।

मसाला भी महंगाई की चपेट में

मिर्च ही नहीं मसाले के अधिकांश आइटम महंगाई की चपेट में हैं। मसलन, सूखा धनिया 85 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 105, जीरा 180 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 200, हल्दी 110 रुपये प्रति किलो से 120 के भाव तक जा पहुंचा है। किचन में इन सामग्रियों के बीना स्वाद की कल्पना करना बेमानी होगी।

इस बारे में किराना कारोबारी गणेश सेठ ने कहा कि नई फसल आने के बाद ही महंगाई से राहत मिलेगी। कोल्ड स्टोरेज में सबसे ज्यादा मिर्च ही रखी जाती है। अबकी पैदावार कम होने से दाम और बढ़ सकता है।

बारिश से महंगी हुईं सब्जियां  : मौसम में उलटफेर के कारण जमकर हुई बारिश ने सब्जियों के भाव में उछाल ला दिया है। मूल्य में 10 से 20 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, कारोबारियों ने मौसम साफ होते ही मूल्य के पटरी पर लौट आने की बात कही है।

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