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योग के साक्षात प्रतिमूर्ति हैं 126 साल के स्वामी शिवानंद, राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान; PM मोदी भी हैं फैन

काशीवासी 126 वर्षीय स्वामी शिवानंद योग-शक्ति की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने उन्हें जब पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया तो वहां इस उम्र में भी उनका स्वास्थ्य और चुस्ती-फुर्ती देख हर कोई मंत्रमुग्ध रह गया था।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 21 Jun 2023 01:32 PM (IST)
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योग के साक्षात प्रतिमूर्ति हैं 126 साल के स्वामी शिवानंद, राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान

जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली : काशीवासी 126 वर्षीय स्वामी शिवानंद योग-शक्ति की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने उन्हें जब पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया तो वहां इस उम्र में भी उनका स्वास्थ्य और चुस्ती-फुर्ती देख हर कोई मंत्रमुग्ध रह गया था। पीएम मोदी भी योगगुरु के कायल हो गए थे।

इस उम्र में उन्हें बिना किसी सहारे के तेज कदमों से चलते देख फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार भी हैरान रह गए। अक्षय ने उनका वीडियो साझा करते हुए लिखा-''''यह 126 साल के हैं और कितनी शानदार सेहत है। अनेक-अनेक प्रणाम स्वामी जी। यह वीडियो देखकर मन खुश हो गया।

योग है स्वामी शिवानंद की फुर्ती का राज

बनारस में स्वामी शिवानंद का आश्रम दुर्गाकुंड के कबीरनगर में है। इस आयु में भी स्वस्थ्य रहने के पीछे उनकी संयमित दिनचर्या, योग-प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन है। 126 वर्ष की आयु में शिवानंद की फुर्ती 26 वर्ष के युवा को भी कड़ी टक्कर देती है।

स्वामी शिवानंद के अनुसार, उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को वर्तमान बांग्लादेश के सिलहट जिले के हरीपुर गांव में भगवती देवी एवं श्रीनाथ ठाकुर के घर हुआ था। निर्धन माता-पिता भिक्षाटन कर गुजारा करते थे। घोर आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता ने चार साल की उम्र में उन्हें नवदीप (वर्तमान में पश्चिम बंगाल का नदिया जिला) निवासी बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया था।

कभी नहीं पड़े बीमार

वह प्रतिदिन भोर में तीन बजे जगते हैं और स्नान आदि के बाद श्रीमद्भगवदगीता के बांग्ला अनुवाद का पाठ करते हैं। वह कभी बीमार नहीं पड़े। 2019 में कोलकाता व चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हुई जांच में भी उन्हें पूरी तरह स्वस्थ पाया गया था।

स्वामी जी के अनुसार, योगासन उनके लंबे जीवन का कारण है। वह प्रतिदिन सर्वांगासन करते हैं। कहते हैं कि इसे तीन मिनट करने के बाद एक मिनट का शवासन जरूरी होता है।

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