July Marriage Dates: जुलाई में सिर्फ चार दिन विवाह का मुहुर्त, फिर नवंबर में बजेगी शहनाई
जुलाई में सिर्फ चार दिन विवाह का मुहुर्त है। इसके बाद विवाह के लिए शुभ तारीख नवंबर में ही आएगी। नौ जुलाई से 15 जुलाई के बीच चार दिन विवाह संपन्न हो सकेंगे। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद फिर सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। 15 जुलाई को रात सवा नौ से सवा दस बजे के बीच ही विवाह मुहूर्त है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अप्रैल माह से अस्त शुक्र अब दो माह बाद शुक्रवार 28 जून को उदित हो रहे हैं। वैसे तो शुक्रोदय के तीन दिन बाद उनकी बाल्यावस्था से निवृत्ति के बाद शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। 13 दिवसीय विश्वघस्र पक्ष के कारण छह जुलाई से शुक्ल पक्ष आरंभ होने के बाद मांगलिक कार्य शुभारंभ होंगे।
नौ जुलाई से 15 जुलाई के बीच चार दिन विवाह संपन्न हो सकेंगे। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद फिर सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय बताते हैं कि विवाह के लिए चार तिथियों नौ, 11, 12 व 15 जुलाई को ही विवाह के सर्वथा उपयुक्त लग्न मुहूर्त है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र आरंभ होने और फिर 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के कारण सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा और फिर 12 नवंबर के बाद ही विवाह होंगे।
15 जुलाई को रात सवा नौ से सवा दस बजे के बीच ही विवाह मुहूर्त
प्रो. पांडेय ने बताया कि 15 जुलाई को विवाह की अंतिम लग्न है। उस दिन रात्रि में सवा नौ बजे मृत्यु बाण की समाप्ति के बाद रात 10:15 बजे तक ही विवाह का मुहूर्त है, क्योंकि इसके पश्चात विशाखा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा और विशाखा में विवाह नहीं होता।
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