Varanasi News: कांची के शंकराचार्य ने बाबा विश्वनाथ की पूजा कर लिया चातुर्मास का संकल्प, की मां गंगा की आरती
Varanasi News जगद्गुरु शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने बताया कि तिरुपति बालाजी में दर्शन के बाद मन में इस विचार की अनुभूति हुई कि इस वर्ष काशी में ही लोक कल्याणार्थ चतुर्मास व्रत किया जाए। पुरुषोत्तम अधिमास में चातुर्मास का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। काशीपुराधिपति का पूजन-अर्चन व अनुमति प्राप्त कर हनुमान घाट स्थित कांची मठ पहुंचे शंकराचार्य ने चातुर्मास्य के निमित्त विधिवत पूजन पूजन-अर्चन किया।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 07 Jul 2023 09:09 AM (IST)
वाराणसी,जागरण संवाददाता। श्रीकांची कामकोटि पीठाधिपति जगद्गुरु शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती गुरुवार सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। बाबा का षोडशोपचार पूजन और रुद्राभिषेक कर उनसे नगर में चातुर्मास्य की अनुमति ली। स्वर्ण अर्पण के साथ 108 रजत बेल पत्र अर्पित किए। लगभग पौन घंटे विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर चातुर्मास्य व्रत संकल्प लिया।
जगद्गुरु शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने ज्ञानवापी कूप का जल ग्रहण कर नंदी की पूजा-आराधना की। साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का अवलोकन किया। शंकराचार्य ने कहा कि काशी धर्म की राजधानी है। यहां बाबा विश्वनाथ तो हैं ही, यह महान संतों की तपोस्थली भी रही है। यह लघु भारत है, यहां से उठा हर संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है।
कांची मठ पहुंचे शंकराचार्य
जगद्गुरु शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने बताया कि तिरुपति बालाजी में दर्शन के बाद मन में इस विचार की अनुभूति हुई कि इस वर्ष काशी में ही लोक कल्याणार्थ चतुर्मास व्रत किया जाए। पुरुषोत्तम अधिमास में चातुर्मास का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। काशीपुराधिपति का पूजन-अर्चन व अनुमति प्राप्त कर हनुमान घाट स्थित कांची मठ पहुंचे शंकराचार्य ने चातुर्मास्य के निमित्त विधिवत पूजन पूजन-अर्चन किया। भगवती त्रिपुर सुंदरी, चंद्रमौलिश्वर महाराज समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा-आराधना की।की मां गंगा की आरती
सायंकाल शिवाला स्थित चेतसिंह किला में सामवेद संगोष्ठी के उपरांत शंकराचार्य ने मां गंगा की आरती की। इस दौरान काशी व दक्षिण भारत के वैदिक विद्वानों ने वेद मंत्रों का सस्वर पाठ किया। सुबह नौ बजे शंकराचार्य के श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचने पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने उनकी अगवानी की।
आचार्य पं. श्रीकांत मिश्रा ने पूजन कराया। न्यास सदस्य पं. दीपक मालवीय, पं. वेंकट रमण घनपाठी, कांची कामकोटि मठ काशी के प्रबंधक बीएस सुब्रमण्यम मणि, उपप्रबंधक बीएस चंद्रशेखर चंद्रू आदि साथ थे।