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Vishwanath Dham: बाबा के दरबार में अलग द्वार से एक साथ हाजिरी लगाएंगे काशीवासी, अयोध्‍या में भी हो रहा विचार

दैनिक जागरण ने बीते आठ जून को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में हो रही भीड़ की वजह से काशीवासियों के दर्शन से वंचित होने की खबर बाबा विश्वनाथ के आंगन में बेगाने हो गए बनारसी शीर्षक से प्रकाशित की थी। कांग्रेस ने भी अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए काशीवासियों के प्रवेश के लिए अलग से द्वार की मांग को लेकर सत्याग्रह की घोषणा की थी।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:39 AM (IST)
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श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में काशीवासियों को मिलेगी खास वरीयता। जागरण

 जागरण संवाददाता, वाराणसी। नव्य-भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में काशीवासियों के लिए अब अलग द्वार होगा। इस द्वार से काशीवासी व नियमित दर्शनाार्थी एक अलग लाइन में लगकर बाबा दरबार में हाजिरी लगा सकेंगे। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से रूपरेखा तय कर ली गई है।

सुरक्षा समिति की बैठक में मुहर लगते ही प्रभावी कर दिया जाएगा। मंदिर प्रशासन की ओर से बांसफाटक व मणिकर्णिका की तरफ से नए वैकल्पिक द्वार को खोलने की तैयारी की जा रही है।

सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए इसका अंतिम निर्णय सुरक्षा समिति की बैठक में लिया जाएगा। इसका सर्वे हो रहा है कि दर्शन के लिए कब सबसे अधिक भीड़ होती है। स्थानीय लोगों को दो से तीन शिफ्ट में दर्शन की सुविधा मिल सकती है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद नियमित दर्शन के लिए जारी 3000 से अधिक पास की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।

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अयोध्या में भी स्थानीय श्रद्धालुओं को वरीयता देने पर हो रहा विचार

सब ठीक रहा तो अयोध्या में रामलला का नित्य दर्शन करने वाले स्थानीय लोगों की भी अलग लाइन होगी। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश-विदेश के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। इससे नियमित दर्शन करने वाले स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

इससे स्थानीयजन में नाराजगी थी जिसका परिणाम हाल में आए चुनाव परिणामों में दिखा है। जागरण इस समस्या को ओर लगातार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराता रहा है। अयोध्या में भी स्थानीय श्रद्धालुओं के इस दर्द को अंतत: तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने समझा।

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तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के अनुसार रामलला के नित्य दर्शनार्थियों के लिए अलग से पास जारी करने पर विचार किया जा रहा है, किंतु इसे व्यावहारिक स्वरूप प्रदान करना कठिन है। एक टीम को नित्य दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को चिह्नित करने के लिए लगाया गया है।

नित्य दर्शनार्थियों को चिह्नित करने के साथ आधार कार्ड के माध्यम से उनकी पहचान सुनिश्चित की जाएगी। तत्पश्चात पास जारी किया जाएगा। ऐसे लोगों के साथ उनके एक सहायक का भी पास स्वीकृत होगा। इस ढंग का पास कब से जारी हो सकेगा, इस बारे में वह किसी तरह का आश्वासन देने से बचते हैं।

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