Kashi-Tamil Sangamam : शैक्षणिक संवाद से होगा ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान, पुनर्जीवित होगा पुराना रिश्ता
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा काशी-तमिल संगमम केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि दो समृद्ध संस्कृतियों के बीच संवाद है। काशी-तमिल के बीच जो ज्ञान और संस्कृति का संबंध रहा है उसे आज जन-जन के बीच पहुंचाया जाए।
By Shailesh AsthanaEdited By: Saurabh ChakravartyUpdated: Sat, 19 Nov 2022 11:06 AM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता : एक माह तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम् के आतिथ्य के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, काशी-तमिल संगमम केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि दो समृद्ध संस्कृतियों के बीच संवाद है। सभी लोग इसे यादगार बनाने के लिए जी जान से जुटें। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि संगमम के दौरान तमिलनाडु से आ रहे विभिन्न समूहों विविध शैक्षणिक संवाद किए जाएंगे। साहित्य, विरासत, ग्रामीण परिवेश, संस्कृति आदि विषयों पर आयोजित होने वाले इन संवाद कार्यक्रमों से काशी व तमिलनाडु के विद्वानों, विशेषज्ञों व विद्यार्थियों को अपने ज्ञान व विचारों को साझा करने का अवसर प्राप्त होगा।
#KashiTamilSangamam देश की सांस्कृतिक, वैचारिक और आध्यात्मिक एकता को दर्शाने की दिशा में प्रधानमंत्री @narendramodi जी की एक अनूठी कल्पना है।
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 19, 2022
काशी तमिल संगमम के आयोजन से तमिल नाडु और काशी के लोग बहुत हर्षित, उत्साहित हैं। इस संगम के लिए वह प्रधानमंत्री जी की सराहना कर रहे हैं। pic.twitter.com/H7QwnZaRSs
पुनर्जीवित होगा सदियों पुराना रिश्ता
दो संस्कृतियों के मिलन से काशी बम-बम नजर आई। डमरुओं की डिम-डिम के बीच हर हर महादेव उद्घोष गूंजा। तमिलनाडु के शैव मठाधीशों का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वागत किया। कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह इच्छा थी कि काशी-तमिल के बीच जो ज्ञान और संस्कृति का संबंध रहा है, उसे आज जन-जन के बीच पहुंचाया जाए। संगमम के जरिए काशी-तमिल के बीच सदियों पुराने रिश्ते को नए सिरे से पुनर्जीवित किया जा रहा है।
इस आयोजन के माध्यम से कवि सुब्रह्मण्य भारती को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, संविवि कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी, मंत्री रविंद्र जायसवाल व दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायक नीलकंठ तिवारी, जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मंदिर सीईओ सुनील वर्मा, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय समेत मंदिर न्यास व काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारी और सदस्य थे।
काशी-तमिल संगमम का मनोहारी
बनारस के अनूठे हस्तशिल्प गुलाबी मीनाकारी से काशी-तमिल संगमम का लोगो बनाया गया है। इसे बीएचयू के एंफी थिएटर में संगमम् का शुभारंभ करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्मृति चिह्न के रूप में दिया जाएगा। मीनाकारी शिल्पी कुंजबिहारी ने इस लोगो पर काशी विश्वनाथ धाम व तमिलनाडु के मीनाक्षी मंदिर की आकृति उकेरी है। उसके नीचे तमिल, हिंदी और अंग्रेजी में काशी-तमिल संगमम शब्द उकेरे गए हैं।
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