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श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में मिलेगा बिल्वपत्र युक्त तंदुल महाप्रसाद, देसी घी में महाप्रसादन को बनाएगी अमूल

श्री काशी विश्वनाथ धाम में अब भक्तों को बिल्वपत्र युक्त तंदुल महाप्रसाद मिलेगा। अमूल के काउंटर से मिलने वाले इस महाप्रसाद को शास्त्रोक्त विधि से बनाया गया है और इसमें बाबा विश्वनाथ को अर्पित किए गए बिल्व पत्रों का भी उपयोग किया गया है। विजयदशमी के दिन शनिवार को मंदिर प्रांगण में शिवभक्तों को इसके विक्रय का शुभारंभ किया गया।

By Shailesh Asthana Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 14 Oct 2024 07:59 AM (IST)
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काशी विश्वनाथ धाम की तस्वीर (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अमूल के काउंटर से अब तंदुल (चावल) का लड्डू महाप्रसाद के रूप में प्राप्त होगा। मंदिर न्यास के अनुसार उसकी देखरेख में अमूल ने इसे शास्त्रोक्त विधि से निर्मित किया है। इस महाप्रसाद के निर्माण में बाबा विश्वनाथ को अर्पित किए गए बिल्व पत्रों का भी उपयोग किया गया है।

विजयदशमी पर शनिवार को मंदिर प्रांगण में शिवभक्तों को इसके विक्रय का शुभारंभ किया गया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भगवान शिव को प्रिय वस्तुओं से प्रसाद बनवाने का निर्णय लिया था। इस क्रम में विद्वानों ने शिव महापुराण, शिवर्चना चंद्रिका, वीर मित्रोदय:, लिंग पुराण, स्कंद पुराण आदि ग्रंथों का अध्ययन कर भगवान शिव को प्रिय और चढ़ाए जाने वाले प्रसाद स्वरूप वस्तुएं चिह्नित कीं।

दिया गया तंदुल महाप्रसाद नाम

इसमें तंदुल, अक्षत या चावल का प्रसाद शिवजी के लिए सर्वोत्तम पाया गया। इसे तंदुल महाप्रसाद का नाम दिया गया। न्यास द्वारा सभी गुणवत्ता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सनातन, शास्त्रीय एवं परंपरागत मान्यताओं का समावेश कर यह विशिष्ट प्रसाद तैयार कराया गया है। इसमें विशेष रूप से उन बेल पत्रों का उपयोग किया जाएगा जो भगवान विश्वेश्वर को अर्पित किए गए होंगे और मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा से समृद्ध होंगे।

बेल पत्रों को अच्छी तरह साफ करने के बाद सुखाकर इसका चूर्ण बनाया जाएगा और इसका उपयोग प्रसादम में किया जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से हुए समझौते के अनुसार मंदिर ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध करवाई गई रेसिपी का प्रसाद बनास डेयरी (अमूल) की पिंडरा स्थित फैक्ट्री में देसी घी में बनाया जाएगा। प्रसाद परिसर में स्थित काउंटर से भक्तों को प्राप्त होगा।

लोकार्पण अवसर पर मंदिर न्यास सदस्य प्रो. ब्रजभूषण ओझा ने बताया कि इस महाप्रसाद से शिवभक्तों का कल्याण होगा एवं न्यास की गरिमा में वृद्धि होगी। न्यास अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पांडेय, सदस्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, वेंकट रमन घनपाठी, श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी, सीईओ विश्व भूषण मिश्र आदि थे।

रामेश्वरम से काशी आया तीर्थयात्री दल, मंत्री के हस्तक्षेप पर मंदिर ने दिया प्रमाण पत्र

जागरण संवाददाता, वाराणसी। राष्ट्र कल्याणार्थ व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लंबी आयु के लिए शनिवार को तीर्थयात्रियों का एक दल रामेश्वर से पैदल काशी आया। रामेश्वर के पच्चेक्कावडि अय्या के नेतृत्व में 24 सदस्यीय दल ने 140 दिन में पैदल यह यात्रा पूरी की। यहां आने के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन किया। मंदिर प्रशासन ने प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल रात में आयुष मंत्री डा. दयाशंकर मिश्र दयालु से उनके आवास पर जाकर भेंट की।

आयुष मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की अगवानी की। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ डा. विश्वभूषण मिश्रा से बात कर मंदिर की ओर से प्रमाणपत्र जारी करवाया। मंत्री के पीआरओ गौरव राठी ने बताया कि यात्री काशी पैदल अयोध्या रवाना हो गए। आयुष मंत्री ने अयोध्या मार्ग में रुकने व अन्य व्यवस्था में मदद का भरोसा दिया।

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