रामनगर में दिसंबर तक तैयार होगा सबसे बड़ा बायोगैस एनर्जी प्लांट
रामनगर में बायोगैस प्लांट
रामनगर में दिसंबर तक तैयार होगा सबसे बड़ा बायोगैस एनर्जी प्लांट
जागरण संवाददाता, रामनगर: देश का सबसे बड़ा बायोगैस एनर्जी प्लांट इस साल के अंत तक काशी में बन कर तैयार हो जाएगा। रामनगर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित पराग डेरी में इसका निर्माण हो रहा है। इंडियन डेयरीज मशीनरी कंपनी (आइडीएमसी) की देखरेख में बन रहे बायोगैस प्लांट के निर्माण में सिविल कार्य लगभग 80 प्रतिशत हो चुका है वहीं मैकेनिकल कार्य लगभग 35 प्रतिशत तक पहुंचा है। बायो गैस प्लांट के निर्माण के बाद पराग के पास खुद की बिजली होगी। इससे प्लांट चलाने के साथ ही बायलर भी इससे ही चलाया जाएगा। बायोगैस से बिजली उत्पन्न होने से उत्पादन लागत पर खर्च कम होगा।
प्रतिदिन चार हजार घन मीटर बायोगैस का उत्पादन होगा
फिलहाल चंदौली के एकौनी में बना बायोगैस प्लांट देश का सबसे बड़ा प्लांट है। पराग डेरी में स्थापित होने वाले बायोगैस एनर्जी प्लांट का निर्माण लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल शिलान्यास किया था। इस व्यवस्था से पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। पराग के अधिकारियों की मानें तो प्रतिदिन चार हजार घन मीटर बायोगैस का उत्पादन किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए लगभग सौ मीट्रिक टन गोबर का उपयोग किया जाएगा।
एक रुपये किलो की दर से गोबर की खरीद
पराग डेयरी प्लांट से दस किमी के दायरे में लगभग 194 गांव हैं, जहां लगभग 68.6 हजार जानवर हैं। यहां एक रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदारी की जाएगी। इस अनुपात में संयंत्र के 10 किमी के दायरे में लगभग तीन सौ टन गोबर प्रतिदिन उपलब्ध होना चाहिए। डेयरी में बायोगैस संयंत्र के लिए केवल लगभग सौ टन प्रतिदिन की आवश्यकता होगी।
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बायोगैस एनर्जी प्लांट के निर्माण की जिम्मेदारी आइडीएमसी संस्था को दी गई है। फरवरी माह में संस्था द्वारा काम शुरू किया गया है। दिसंबर तक प्लांट निर्माण होने की उम्मीद है। किसानों से दूध के साथ ही गोबर की भी खरीदारी की जाएगी। इस प्लांट के निर्माण से पराग बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होगा।
सुनील सिन्हा, एमडी, पराग, रामनगर