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यह अंतिम पत्‍थर दे रहा गवाही, अब मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर हादसों को मनाही

सोनभद्र जिले में देश का यह अंतिम मानवरहित समपार इलाहाबाद मंडल के चुनार-चोपन रेलखंड पर खैराही स्टेशन के पास था, जिसे गेट लगाकर अब मानवसहित कर दिया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Mon, 04 Feb 2019 08:05 AM (IST)
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यह अंतिम पत्‍थर दे रहा गवाही, अब मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर हादसों को मनाही

सोनभद्र [आनंद चतुर्वेदी] । रेलवे ने अपने 15 माह के अथक प्रयास से देश के अंतिम मानवरहित समपार को भी गुरुवार को आखिरकार खत्म कर दिया। देश का यह अंतिम मानवरहित समपार इलाहाबाद मंडल के चुनार-चोपन रेलखंड पर खैराही स्टेशन के पास था। जिसे गेट लगाकर अब मानवसहित कर दिया गया है। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मानवसहित इस गेट का उद्घाटन किया। भारतीय रेल के ब्रॉड गेज तंत्र से मानवरहित समपार हटाने के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इसके पूरे देश में रेलवे ने 4605 समपारों को मानवरहित चिह्नित किया था। इनको बंद करने के लिए रेल महकमा पिछले 15 माह से अथक प्रयास कर रहा था। जिनमें से अधिकांश को पूर्व में बंद कर दिया गया था। ऐसे में अंतिम समपार इलाहाबाद मंडल के चुनार-चोपन रेलखंड पर 28 सी बचा था। जो खैराही स्टेशन के पास था। इसे भी गुरुवार को रेलवे ने आखिरकार बंद कर दिया। इसी अंतिम पत्‍थर के साथ ही रेलवे की ओर से मानव रहित हादसों के युग का अंत हो गया। अब मानव रहित रेलवे क्रासिंग न होने से यहां पर होने वाले हादसे भी बीते दौर की बात हो चुकी है। 

इस समपार को मानवसहित करने के लिए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को उद्घाटन किया। इसके साथ ही वहां पर रेलवे ने एक बोर्ड लगा दिया है। जिस पर लिखा है कि देश का अंतिम समपार बंद कर दिया है। अब पूरे देश में एक भी समपार मानवरहित नहीं हैं। इस संबंध में इलाहाबाद रेल मंडल के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि देश का अंतिम समपार मानवरहित समपार 28 सी को बंद कर दिया गया है। अब देश में एक भी मानवरहित समपार नहीं बचा है।     

इमामबाड़ा से भदोही-खैराही मार्ग पर था समपार : खैराही स्टेशन के गेट संख्या 28 सी का मानवरहित समपार इमामबाड़ा से भदोही-खैराही मार्ग पर स्थित था। इससे दो दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन होता था। पूर्व में हुए हादसे में ट्रैक्टर पैसेंजर ट्रेन से टकरा गया था। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन ट्रैक्टर दो भाग में बंट गया था। यहां पूर्व में अंडरग्राउंड पुलिया बनाने का भी निर्णय लिया गया था।  

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