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मीरजापुर के हलिया जंगल में तेंदुआ का मिला पदचिह्न, वन विभाग की टीम ने शुरू की जांच

सोनभद्र घोरावल तहसील की सीमा से लगे मीरजापुर जनपद के हलिया स्थित कैमूर वन्य जीव विहार के जंगल में तेंदुआ का पदचिह्न मिलने से जांच शुरू हो गई है। हालांकि इसको लेकर आसपास गांव के ग्रामीणों में दहशत भी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:54 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 08:12 PM (IST)
कैमूर वन्य जीव विहार के जंगल में तेंदुआ का पदचिह्न मिलने से जांच शुरू हो गई है।

सोनभद्र, जेएनएन। घोरावल तहसील की सीमा से लगे मीरजापुर जनपद के हलिया स्थित कैमूर वन्य जीव विहार के जंगल में तेंदुआ का पदचिह्न मिलने से जांच शुरू हो गई है। हालांकि इसको लेकर आसपास गांव के ग्रामीणों में दहशत भी है। वन विभाग की टीम पदचिह्न मिलने के बाद लोगों को जागरूक कर रही है। रात में घर से बाहर निकलने से मना किया जा रहा है।

कैमूर वन्य जीव विहार मीरजापुर का क्षेत्र घोरावल से लेकल शाहगंज के महुअरिया तक फैला हुआ है। इस जंगल में दुर्लभ जीव मौजूद है। लोगों के आकर्षण का केंद्र ब्लैक बक भी है। घोरावल के पश्चिमी क्षेत्र से सटे मीरजापुर जिले के हलिया के जंगल में तेंदुआ का पदचिह्न देखे जाने से ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया, वहीं वन विभाग भी इसको लेकर सतर्क हो चुका है। बीते 11 जनवरी को घोरावल तहसील क्षेत्र के तेंदुहार गांव में ग्रामीणों के साथ घोरावल वन क्षेत्राधिकारी सुरजू प्रसाद ने गोष्ठी की और उसमें ग्रामीणों को वन्यजीवों तथा वन्यजीवों से मानव के सुरक्षित रहने के विषय पर चर्चा हुई। रेंजर ने ग्रामीणों को बताया कि रात के वक्त अकेले कहीं न निकलें। कहीं मवेशी चराने अकेले जंगल में न जाएं। बहुत आवश्यकता पडऩे पर समूह में व लाठी डंडे के साथ निकले। अपने पशुओं को सुरक्षित रखें और विचरण करने के लिए इधर उधर न छोड़ें। माना जा रहा है कि हलिया के जंगल से घोरावल तहसील की सीमा बहुत दूर नहीं है। तेंदुआ के पदचिह्न हलिया के क्षेत्र में देखे जाने के बाद इस क्षेत्र में भी लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। क्षेत्राधिकारी सुरजू प्रसाद ने बताया कि तेंदुआ का पदचिह्न मिलने के बाद आसपास गांव के लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

तेंदुआ के हमले में हो चुके हैं घायल

घोरावल कोतवाली क्षेत्र के पेढ़ ग्राम पंचायत के नौगढ़वा के बलुआ बंधी के नजदीक 23 मार्च 2019 की सुबह तेंदुआ ने शौच करके घर लौट रहे रामबाबू गोड़ पर हमला कर दिया था। संयोग से उसकी जान बच गई। उस दिन तेंदुआ को पकडऩे के लिए पुलिस तथा वन विभाग की टीम काफी मशक्कत की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। घोरावल के ही सिरसाई गांव में लगभग 45 वर्ष पहले खेत में तेंदुआ दिखाई पड़ा था। जो कुछ देर बाद उसी गांव के एक स्थानीय व्यक्ति को घायल कर दिया था। कुत्तों के भौंकने से तथा ग्रामीणों के शोर शराबा से वह दो किलोमीटर दूर स्थित खुटहा के डकहिया चक मे एक पीपल के पेड़ पर चढ़ गया।


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