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Mahashivratri 2024: काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ा सैलाब, टूटे सभी रिकॉर्ड; 6 बजे तक आठ लाख श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

Mahashivratri 2024 महाशिवरात्रि पर वाराणसी में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचे। शाम 6 बजे तक ही पुराने सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। छह बजे तक करीब आठ लाख श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ धाम में मत्था टेका है। लंबी कतारों में लगकर श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

By Shailesh Asthana Edited By: Swati Singh Updated: Fri, 08 Mar 2024 08:22 PM (IST)
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काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ा सैलाब, टूटे सभी रिकॉर्ड
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महाशिवरात्रि पर्व पर वाराणसी में भक्तों का तांता लग गया। भोलेनाथ के इस खास दिन पर उनकी नगरी में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। शिवभक्तों ने काशी की पंचक्रोशी यात्रा कर भगवान भोलेनाथ की नगरी के कण-कण में उनका दर्शन किया। इस दौरान हर ओर ‘हर-हर महादेव’ गूंजता रहा। काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए शाम पांच बजे तक 7,57,541 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

काशी विश्वनाथ में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। महाशिवरात्रि पर बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। विश्वनाथ धाम में लाखों भक्तों की कतार लगी है। भोर से ही भक्त बाबा के दर्शन को आतुर दिख रहे हैं। सुबह 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में मत्था टेका है।

85 किलोमीटर की यात्रा कर रहे पूरी

चक्रपुष्करिणी कुंड और मां गंगा में स्नान कर हजारों भक्तों ने संकल्प लेते हुए मणिकर्णिका घाट से गंगा जल भर कर हजारों भक्तों ने यात्रा का शुभारंभ किया। कर्दमेश्वर महादेव, भीमचंडी, रामेश्वर, शिवपुर (पांचों पांडव), कपिलधारा होते 85 किलोमीटर की यात्रा भक्तों ने नंगे पांव एक ही दिन में पूरी किया।

यात्रा मार्ग के शिवालयों में जलाभिषेक करते हुए कंदवा कपिल तीर्थ तथा रामेश्वर होते हुए यात्री पांवों के छालों की परवाह न करते हुए दर्द को सहते, भोले का नाम जपते सभी आस्था की राह पर बढ़ते रहे। श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के बाद ज्ञानवापी प्रांगण में संकल्प छोड़ कर भक्तों ने 85 किमी लंबी इस यात्रा का समापन किया।

लगी भक्तों की भारी भीड़

यात्रियों की सेवा के लिए श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्टॉल भी लगाए गए। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के साथ रामेश्वर महादेव में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। पुरुषार्थ के चार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति की कामना के साथ हर वर्ष वह पंचक्रोशी यात्रा करते हैं।

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