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महिला सशक्तीकरण: ऑनलाइन बाजार पर छाई मंगोलेपुर की ज्वेलरी, शादियों में बनी महिलाओं की शान

काशी की परंपराओं को संजोए मंगोलेपुर की महिलाएं कांच की मोतियों से आभूषण बनाकर अपनी पहचान बना रही। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सहकार दिखाते हुए ये महिलाएं गांव-गलियों की कला को ऑनलाइन बाजार तक पहुंचा रही। मधुबाला के नेतृत्व में संचालित इस समूह ने बाजार की डिमांड को समझते हुए आधुनिक डिजाइन अपनाए हैं। मंगोलेपुर की कांच की ज्वैलरी की मांग अब बाजार में भी बढ़ रही है।

By vikas ojha Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 10 Nov 2024 11:32 AM (IST)
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मंगोलेपुर की मधुबाला कांच की मोतियों की आभूषण बनाती हैं। जागरण
परंपराओं के संरक्षण और थाती की साज-संभाल में काशी का कोई जोड़ नहीं। देश-दुनिया का यह पुराना शहर हुनर के लिए जाना जाता है। पुरखों से मिली विरासत को सिर माथे लगाए नई पीढ़ी आगे बढ़ा रही है। इसमें मंगोलेपुर की महिलाएं कमाल दिखा रही हैं।

स्वयं सहायता समूह बना कर सहकार भी दिखा रही हैं। गांव-गलियों की कला को ऑनलाइन बाजार तक ले जा रही हैं। मंगोलेपुर की मधुबाला के नेतृत्व में संचालित स्वयं सहायता समूह के प्रयास पर प्रस्तुत है विकास ओझा की रिपोर्ट...

कांच की मोतियों से कलाकारी काशी की थाती है। इस परंपरा को अनगिनत हुनरमंद आगे बढ़ा रहे हैं। इसी पंक्ति में चोलापुर ब्लाक के मंगोलेपुर गांव की मधुबाला भी हैं। पिछले छह साल से समूह से जुड़कर कांच की मोतियों के आभूषण बनाकर इस क्षेत्र में अपनी धाक जमाने में जुटी हैं।

कांच की मोतियों से आभूषण तैयार करती समूह की महिलाएं। जागरण


कहती हैं कि काशी की संस्कृति व कला को सहेजने के संग इस क्षेत्र में निष्ठा व लगन से कार्य कर आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर हैं। प्रारंभिक दौर में बहुत कठिनाइयां आईं। कांच की मोतियों के आभूषण का निर्माण शुरू किया तो बाजार नहीं मिल रहा था। गांव से लगायत शहर तक की दौड़ लगायी।

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परिवार का साथ मिला, दीदियों की मेहनत ने निराश नहीं होने दिया। बाजार की डिमांड पर नजर रही। धीरे-धीरे काम बढ़ता गया। अब लगन में फुर्सत तक नहीं मिलती है। गले का हार, करधनी, पट्टा समेत अनेक आभूषण का निर्माण समूह की ओर से किया जाता है। समूह में 11 महिलाएं हैं। लड़कियां भी जुड़ी हैं।

बाजार में आधुनिक डिजाइन पर खास नजर रहती है। मोतियों का आभूषण इस समय प्रचलन में है। शादी ब्याह में अब बड़े बड़े घरों में सोने-हीरे के आभूषण पहनने से लोग बच रहे हैं। लड़कियों के लिए तो यह पंसदीदा आभूषण बन गए हैं।

हम सब आनलाइन बाजार में सर्वाधिक मोतियों के बिकने वाले आभूषण को भी मंगाते हैं। सिर्फ इसकी बारीकियों को समझने व परखना मुख्य उद्देश्य होता है। समूह से जुड़ी काजल, शिवांगी, सुंदरी, सोनी, रुचि समेत कई महिलाओं की मेहनत अब रंग ला रही है। अब तो बाजार में भी मंगोलेपुर की कांच की ज्वैलरी की मांग महिलाएं करती हैं। समूह से जुड़ी सभी महिलाओं की ठीक ठाक आमदनी भी हो रही है।

कांच की मोतियों के आभूषण। जागरण


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लखपति दीदी की सूची में मधुबाला

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से चोलापुर ब्लाक में ज्वेलरी बनाने वाली मधुबाला को लखपति दीदी की सूची में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री लगायत कई समारोह में मधुबाला के हुनर व मेहनत को सराहा जा चुका है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिला मिशन प्रबंधन श्रवण सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल ज्वेलरी की डिमांड वर्तमान परिवेश में बढ़ रही है। मंगोलेपुर में मधुबाला इस क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। सरकार भी इस तरह के समूहों को प्रोत्साहित कर रही है। चोलापुर के अलावा अन्य ब्लाकों में भी समूहों को इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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