Markandeya Mahadev Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद मार्कंडेय महादेव मंदिर का शिखर हुआ स्वर्णिम आभा वाला
वाराणसी के कैथी मार्कंडेय महादेव मन्दिर के शिखर को स्वर्णिम आभा प्रदान करने के लिए गोल्डेन प्लेटिंग ताम्बे की परत चढ़ाने का काम पूरा हो गया है। आज सावन के तीसरे सोमवार की शाम को इस कार्य का लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय किया।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 09:31 PM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कैथी मार्कंडेय महादेव मन्दिर के शिखर को स्वर्णिम आभा प्रदान करने के लिए गोल्डेन प्लेटिंग ताम्बे की परत चढ़ाने का काम पूरा हो गया है। आज सावन के तीसरे सोमवार की शाम को इस कार्य का लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने किया। यह संयोग ही कहा जायेग कि विगत वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को इस कार्य का शुभारम्भ किया गया था ठीक एक साल बाद सावन के तीसरे सोमवार को ही लोकार्पण भी हो री है।
18 गेज मोटा 2000 किलोग्राम तांबे की परत चढ़ा है शिखर पर
मार्कंडेय महादेव मंदिर के शिखर को स्वर्णिम आभा प्रदान करने में हस्त शिल्प से प्रशिक्षित काशी के ही कारीगरों ने एक वर्ष निर्बाध काम कर इसे पूरा किया। इस पर 18 गेज के 2000 किलोग्राम तांबे का प्रयोग किया गया है। शिल्पी सोनू कुमार जिनके कुशल नेतृत्व में तांबे की महीन नक्काशी की गई है बताया कि शिखर की शैली को यथावत रखते हुए परत चढ़ाई गई है। तांबे के उपर सोलर गोल्ड की परत चढ़ाई गई जिसके उपर लैकर कोटिंग की गई है। इस कारण इसकी चमक 25 वर्ष से अधिक समय तक यथावत बनी रहेगी। तांबे की चादर की उम्र की समयावधि का आंकलन नहीं किया जा सकता। फिर भी दो हजार वर्षों तक इसके स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं होता है। मंदिर शिखर के स्वर्णिम होने पर लोकार्पण समारोह में विधायक डा. नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, रमेश जायसवाल, एमएलसी विनीत सिंह, जेएनयू के प्रो. राकेश उपाध्याय, भाजपा के हंसराज विश्वकर्मा, सर्वेश कुशवाहा, श्रीनिकेतन मिश्र आदि थे।
मार्कंडेय महादेव मंदिर तीर्थ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए हो रहा है निरंतर प्रयास इस कार्य से जुड़े अनेक कारीगर एवं विशेषज्ञों ने बताया था कि पीतल की परत की आयु 100 साल तथा ताम्बे की परत की आयु 1000 वर्ष तक होगी। विशेषज्ञों की राय के अनुसार ही कैथी मार्कंडेय महादेव मंदिर तीर्थ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहे केन्द्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय ने ताम्बे के प्लेट ही लगवाने का निर्णय इस कार्य के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर लिया था।
इस ऐतिहासिक कार्य को करने के लिए कुछ संस्थाएं तथा समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने आगे आकर सहयोग कर पुरा कराया जिसकी लागत लगभग 50 लाख रुपये आयी है। स्वर्णिम आभा के शिखर के बन जाने के बाद मन्दिर क्षेत्र आलौकिक छटा बिखर रही है। सावन में आ रहे श्रद्धालु ने इस कार्य के लिए डॉ पाण्डेय को धन्यवाद भी ज्ञापित कर रहे हैं।
पर्यटन के लिए एक नया स्थान बन गयाजिला मीडिया प्रभारी श्रीनिकेतन मिश्र ने बताया कि कभी दुर्व्यवस्था एवं बदहाली के कारण मन्दिर क्षेत्र की अपनी एक अलग पहचान थी लेकिन 2014 में सांसद निर्वाचित होने के बाद से ही विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति कराते हुए पक्के घाटों के निर्माण, यात्री सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था करते हुए मार्कंडेय महादेव मन्दिर को एक भव्य, दिव्य स्वरूप में परिवर्तित करने की मुहिम चलायी है। आज मन्दिर के मुख्य गर्भ गृह के शिखर को गोल्डेन प्लेटिंग कराने के साथ ही तीर्थ स्थल की भव्यता को एक नये आयाम पर स्थापित कर दिया जो पर्यटन के नये अवसरों का श्रृजन भी कर रहा है।
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