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माय सिटी माय प्राइड: निजी संस्‍थान, लगा रहे एयरपोर्ट की भव्‍यता में चार-चांद

सनबीम विद्यालय समूह द्वारा देखरेख किये जा रहे पार्क को आनंद कानन नाम दिया गया है, जिसमें काशी के घाटों और मंदिरों की मनमोहक आकृति बनाई गई है।

By Nandlal SharmaEdited By: Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:00 AM (IST)

बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्‍त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निजी संस्थानों द्वारा कराए गए कार्य एयरपोर्ट की भव्‍यता में चार चांद लगा रहे हैं। एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल भवन के बाहर दो और पार्किंग क्षेत्र में एक पार्क हैं। इसमें से आगमन की तरफ का पार्क एनटीपीसी द्वारा लिया गया है, जबकि प्रस्थान के तरफ का पार्क सनबीम विद्यालय समूह द्वारा संवारा गया है। वहीं पार्किंग क्षेत्र में स्थित पार्क की देखरेख यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

टर्मिनल भवन के बाहर के दोनों पार्क में सुगंधित फूलों के साथ ही कीमती घास लगाई गई हैं। सनबीम विद्यालय समूह द्वारा देखरेख किये जा रहे पार्क को आनंद कानन नाम दिया गया है, जिसमें काशी के घाटों और मंदिरों की मनमोहक आकृति बनाई गई है। जो भी पर्यटक या यात्री वहां से गुजरता है, वह वहां सेल्फी जरूर लेता है। यही कारण है कि उस स्थान को सेल्फी स्पॉट के नाम से जाना जाता है। इसी पार्क में अशोक स्तंभ और काशी की साहित्यिक और सांस्कृतिक विभूतियों को भी स्थान दिया गया है।

निहारने को विवश करता है आनंद कानन
काशी की विरासतों को सहेजने वाले आनंद कानन पार्क में जहाँ लोग आराम करते हैं। वहीं काशी की महान विभूतियों के बारे में जानकारी भी मिल जाती है। पार्क में अशोक स्तंभ के नीचे काशी की विभूतियों का नाम अंकित है, जिसमें सन्त रविदास और लक्ष्मीबाई का नाम लिखा गया है, जबकि भारत रत्न पं मदन मोहन मालवीय, डॉ. सम्पूर्णानंद, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ भगवानदास, पं रविशंकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पं कमलापति त्रिपाठी का नाम अंकित है।

इतना ही नहीं साहित्यिक विभूतियों में तुलसीदास, कबीरदार, भारतेंदु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेमचंद, बाबू देवकी नंदन खत्री, पद्म विभूषण गोपीनाथ कविराज, पद्मभूषण बलदेव उपाध्याय आदि लोगों का नाम अंकित किया गया है। साथ ही काशी की सहित्यिकी विभूतियों द्वारा लिखी गयी पुस्तकों की आकृति भी बनाई गयी है।

इस तरह से विरासतों को सहेजने का प्रयास बहुत ही कम जगह देखने को मिलता है। पार्क में जहाँ स्थानीय लोगों समेत वाराणसी आने वाले पर्यटकों को टर्मिनल भवन के बाहर निकलते ही साहित्यिक और सांस्कृतिक जानकारियां मिल जाती हैं। यहां ऐसी आकृतियां बनी है कि एयरपोर्ट से गुजरने वाले लोग देखते ही एक बार जरूर मुड़ जाते हैं।

बात की जाए एयरपोर्ट की पार्किंग क्षेत्र में स्थित यूनियन बैंक द्वारा लिए गए तीसरे पार्क की तो उसमें भी साज सज्जा के लिए काफी सुंदर पौधे लगाए गए हैं। एयरपोर्ट पर आने के बाद जब भी किसी यात्री को विलंब होता है या आने तथा जाने वाले यात्रियों के परिजन देर होने की स्थिति में इन पार्क में बैठकर आराम करते हैं। यह पार्क काफी सुंदर हैं जो वाराणसी एयरपोर्ट की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं।

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